Mahalaxmi Vrat भादों सुदी अष्टमी से प्रारंभ होता है और 16 दिन तक यानि बदी में अष्टमी तक किया जाता है।
Mahalaxmi Vrat
प्रथम अष्टमी के दिन प्रातः पूजन का स्थान लिपवा पुतवा कर महालक्ष्मी जी की प्रतिमा को शुद्ध जल से नहला कर चौकी पर समस्त सामग्री सहित रखें।
स्वयं स्नान कर पूजन करें, भोग लगावें तथा ध्यान पूर्वक कथा पढ़ें।
दुसरे दिन से कथा लेखनी के अनुसार पूजन करें। तत्पश्चात ब्राह्मिनों को भोजन कराके अपना व्रत खोलें।
पूजन सामग्री:
- लक्ष्मी व गणेशजी को प्रतिमा
- सिंदूर, केले के स्तम्भ
- पञ्च पल्लव अगरबत्ती,
- धुप, दीप, नैवैध्य, रोली,
- चावल, फल, फूल माला
- कपूर, चन्दन, पान
- कलावा, सुपारी, घृत
- कमल का फूल, सूप
- दूब, वस्त्र, आभूषण
- सोलह गांठों का सूत
- कलश, लाल वस्त्र
- गुड़, बतासे, पंचामृत आदि।
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