सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी | Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी


तेरे द्वार खड़ा भगवान लिरिक्स

तेरे द्वार खड़ा भगवान हो,
तेरें द्वार खड़ा भगवान,
भगत भर दे रे झोली।।

तेरा होगा बड़ा एहसान, 
कि जुग जुग तेरी रहेगी शान, 
भगत भर दे रे झोली, 
तेरें द्वारे खड़ा भगवान, 
भगत भर दे रे झोली, 
ओ भगत भर दे रे झोली।।

डोल उठी है सारी धरती देख रे,
डोला गगन है सारा,
भीख मांगने आया तेरे घर,
जगत का पालनहारा रे,
जगत का पालनहारा,
मै आज तेरा मेहमान,
कर ले रे मुझसे ज़रा पहचान
भगत भर दे रे झोली, 
तेरे द्वारे खड़ा भगवान, 
भगत भर दे रे झोली, 
ओ भगत भर दे रे झोली।।

आज लुटा दे रे सर्वस्व अपना,
मान ले कहना मेरा,
मिट जायेगा पल मे तेरा,
जनम-जनम का फेरा रे,
जनम-जनम का फेरा,
तू छोड़ सकल अभिमान,
अमर कर ले रे तू अपना दान,
भगत भर दे रे झोली,
तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भगत भर दे रे झोली।।

तेरें द्वार खड़ा भगवान हो,
तेरे द्वारे खड़ा भगवान,
भगत भर दे रे झोली।।


गोपाल मुरलिया वाले – सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी

गोपाल मुरलिया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलिया वाले,
गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलिया वाले।।

वृन्दावन में रोज रात आते है श्री कृष्ण | मिले सबूत

जिन्हे देखने के लिए हम, जिए जा रहे है,
वे परदे पे पर्दा, किए जा रहे है,
मैं मर तो लिया होता, कबका मुरारी,
तेरे वादे सहारा, किए जा रहे है,
उठा लोगे पर्दा, कभी रहम खाकर,
इसी आस पर, हम जिए जा रहे,
मेरी ज़िंदगानी, अमानत है तेरी,
तेरे नाम अर्पण, किए जा रहे है,
कन्हैया मेरा दिल, हिफाजत से रखना,
तुम्हे अपना समझकर, दिए जा रहे है,
गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलिया वाले।।

गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
गोपाल मुरलिया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलीया वाले,
गोपाल मुरलीया वाले,
नंदलाल मुरलिया वाले,
श्री राधा जीवन नीलमणि,
गोपाल मुरलिया वाले।।


मेरा दिल तुझपे कुर्बा – सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी

मेरा दिल तुझपे कुर्बा,
मुरलिया वाले रे,
अब तो हो जा मेहरबा,
मुरलिया वाले रे,
मुरलिया वाले रे,
साँवरिया प्यारे रे,
मेरा दिल तुझपे कुर्बा,
मुरलिया वाले रे।।

मैं तो दीवाना तेरा प्यार चाहूँ,
बस एक झलक दीदार चाहूँ,
मुरलिया वाले रे,
साँवरिया प्यारे रे,
मेरे दिल की तू दुनिया,
मुरलिया वाले रे,
मेरा दिल तुझपे कुर्बा,
मुरलिया वाले रे।।

क्या देख ली मेने तस्वीर तेरी,
तब से बदल गयी है तक़दीर मेरी,
मुरलिया वाले रे,
साँवरिया प्यारे रे,
मेरा दिल हो बागबा,
मुरलिया वाले रे,
मेरा दिल तुझपे कुर्बां,
मुरलिया वाले रे।।

आपके बिन मै रह नहीं सकता,
दर्द जुदाई का सह नहीं सकता,
मुरलिया वाले रे,
साँवरिया प्यारे रे,
तेरे बिन दिल है वीरान,
मुरलिया वाले रे,
मेरा दिल तुझपे कुर्बां,
मुरलिया वाले रे।।

चाहे मुझे कुछ भी कहे ये जमाना,
पागल हुआ एक तेरा दीवाना,
मुरलिया वाले रे,
साँवरिया प्यारे रे,
अब तो तू ही मेरी जान,
मुरलिया वाले रे,
मेरा दिल तुझपे कुर्बां,
मुरलिया वाले रे।।

मेरा दिल तुझपे कुर्बा,
मुरलिया वाले रे,
अब तो हो जा मेहरबा,
मुरलिया वाले रे,
मुरलिया वाले रे,
साँवरिया प्यारे रे,
मेरा दिल तुझपे कुर्बां,
मुरलिया वाले रे।।

भजन कर मस्त जवानी में – सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी

भजन कर मस्त जवानी में,
भुडापा किसने देखा है,

कान से बेहरे हो जाउगे,
भजन तुम सुन नही पाउओगे,
भजन सुन मस्त जवानी में,
भुडापा किसने देखा है,
भजन कर मस्त जवानी में,

आंख से अंधे हो जाओ गे,
दर्श कर मस्त जवानी में,
भुडापा किसने देखा है,

रूह से भूखे हो जाओगे,
भजन तुम गा नही पाओगे,
भजन कर मस्त जवानी में,
भुडापा किसने देखा है

हाथ से लूले हो जायेगे,
माला तुम कर नही पाओगे,
दान कर मस्त जवानी में
भुडापा किसने देखा है,
भजन कर मस्त जवानी में।

बम बम बोल रहा है – सत्संगी भजन लिरिक्स

सत्संगी भजन लिरिक्स

झूम रहे हैं पवन गूँज को सुनके पृथ्वीवासी,
बम बम बोल रहा है काशी
बम बम बोल रहा है काशी,
महादेव का डमरू बाजे नाचे मगन सन्यासी
बम बम बोल रहा है काशी।

बम बम बोल रहा है’ काशी।
बम बम बोल रहा हे काशी।

यहाँ किसी के मरने का न शोक मनाया जाता है,
मुक्ति धाम हे मरनेवाला अवस्य मुक्ति पाता है।
माँ गंगा की पवन लहरें और बरुना की धारा,
जोश हे देती बोल के हर हर महादेव का नारा,
मुक्ति मंत्र ललकार बनके बोले हिन्द निवासी,
बम बम बोल रहा है’ काशी,
बम बम बोल रहा हे काशी।

बम बम बोल रहा है’ काशी।
बम बम बोल रहा हे काशी।

द्वादस ज्योत्रिलिंग यहाँ हैविश्वनाथ अविनासी,
मात विशालाक्षी भी यहाँ है शक्तिपीठ है काशी।
शिव त्रिशूल के बसे धाम में देवों का है फेरा,
संतों की नगरी हे यहाँ पर तुलसी का है डेरा।
यहाँ मंत्र शिव नाम बदल दे भक्त का गृह और राशी,
बम बम बोल रहा है’ काशी।
बम बम बोल रहा हे काशी।

बम बम बोल रहा है’ काशी,
बम बम बोल रहा हे काशी।

हर देवी हर देवता का इस नगरी में डेरा है,
रोज़ यहाँ की गलियों में संतो का लगता फेरा है।
माँ अन्पुर्णा संकट मोचन भैरव अस्ट विनायक,
महादेव का नाम रटते बाबा गौअत्म साधक।
मस्ती का बरदान हे बटता भागे दूर उदासी,
बम बम बोल रहा है’ काशी,
बम बम बोल रहा हे काशी।

बम बम बोल रहा है’ काशी,
बम बम बोल रहा हे काशी।

आँख उठाने का भारत पे कोई देश न भूल करे,
बेरर विनाश श्री विश्व्नाथ के हाथों का त्रिशूल करे।
डमरू का दमक बम बम का धमक हर शत्रु को दहलाता है.
हर हर महादेव का नारा रण मैं विजय दिलाता है
मुक्ति देते साथ में देते शक्ति शिव अबिनाशी,
बम बम बोल रहा है’ काशी,
बम बम बोल रहा हे काशी।

बम बम बोल रहा है’ काशी,
बम बम बोल रहा हे काशी।

झूम रहे हैं पवन गूँज को सुनके पृथ्वीवासी
बम बम बोल रहा है काशी
बम बम बोल रहा है काशी,
महादेव का डमरू बाजे नाचे मगन सन्यासी
बम बम बोल रहा है काशी।

बम बम बोल रहा है’ काशी,
बम बम बोल रहा हे काशी।

उठ जाग मुसाफिर भोर भई लिरिक्स

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है ।
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जागत है सोई पावत है ॥

उठ नींद से अखियाँ खोल जरा,
और अपने प्रभु में ध्यान लगा ।
यह प्रीत करन की रीत नहीं,
प्रभु जागत है तू सोवत है ॥

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है ।
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जगत है सोई पावत है ॥

जो कल करना सो आज कर ले,
जो आज करे सो अब कर ले ।
जब चिड़िया ने चुग खेत लिया,
फिर पछताए क्या होवत है ॥

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है ।
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जगत है सोई पावत है ॥

नादान भुगत अपनी करनी,
ऐ पापी पाप में चैन कहाँ ।
जब पाप की गठड़ी शीश धरी,
अब शीश पकड़ क्यूँ रोवत है ॥

उठ जाग मुसाफिर भोर भई,
अब रैन कहाँ जो सोवत है ।
जो सोवत है सो खोवत है,
जो जगत है सोई पावत है ॥

सत्संगी भजन लिरिक्स

क्या लेकर तू आया जग में क्या लेकर तू जाएगा

क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा ॥

क्या लेकर तू आया जग में,
क्या लेकर तू जाएगा,
सोच समझ ले रे मन मूरख,
आख़िर मे पछताएगा ॥

भाई बंधु मित्र तुम्हारे,
मरघट तक संग जाएँगे,
स्वारथ के दो आँसू देकर,
लौट के घर को आएँगे,
कोई ना तेरे साथ चलेगा,
काल तुझे ले जाएगा ॥

क्या लेकर तू आया जग मे,
क्या लेकर तू जाएगा,
सोच समझ ले रे मन मूरख,
आख़िर मे पछताएगा ॥

कंचन जैसी कोमल काया,
मूरत जलाई जाएगी
जिस नारी से प्यार करा तने,
बंधन तोड़ के जाएगी,
एक महीना याद करेगी,
फिर तू याद ना आएगा॥

क्या लेकर तू आया जग मे,
क्या लेकर तू जाएगा,
सोच समझ ले रे मन मूरख,
आख़िर मे पछताएगा ॥

राजा रंक पुजारी पंडित,
सबको एक दिन जाना है,
आँख खोल कर देख बावरे,
जगत मुसाफिर खाना है,
‘पवन’ कहे सब पाप पूण्य यहीं,
अंतिम साथ निभाएगा ॥

क्या लेकर तू आया जग मे,
क्या लेकर तू जाएगा,
सोच समझ ले रे मन मूरख,
आख़िर मे पछताएगा॥

माँ बाप से बढ़कर जग में लिरिक्स

माँ बाप से बढ़कर जग में,
कोई दूजा नहीं खजाना,
जिसने तुझे जनम दिया है,
दिल उनका नहीं दुखाना ॥

पहले तो माँ ने तुझको,
नौ महीने पेट में ढोया,
सीने का खून पिलाया,
तू जब जब बन्दे रोया,
बड़ा कर्ज है तुझ पर माँ का,
तेरा धर्म है कर्ज चुकाना,
जिसने तुझे जनम दिया है,
दिल उनका नहीं दुखाना ॥

दिन रात तुझे तेरी माँ ने,
बाहों में अरे झुलाया,
खुद गीले में माँ सोई,
सूखे में तुझे सुलाया,
तू कोई भी दुःख देकर,
ना माँ को कभी रुलाना,
जिसने तुझे जनम दिया है,
दिल उनका नहीं दुखाना ॥

माँ बाप कि शरण से बढ़कर,
कोई स्वर्ग नहीं है दूजा,
सब छोड़ के तीरथ बन्दे,
कर ले माँ बाप कि पूजा,
इस जन्म मरण से तुझको,
अरे गर है मुक्ति पाना,
जिसने तुझे जनम दिया है,
दिल उनका नहीं दुखाना ॥

माँ बाप से बढ़कर जग में,
कोई दूजा नहीं खजाना,
जिसने तुझे जनम दिया है,
दिल उनका नहीं दुखाना ॥

दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला लिरिक्स

इस जगत सराए में मुसाफ़िर रहना दो दिन का,
रहना दो दिन का, रहना दो दिन का,
रहना दो दिन का मुसाफ़िर रहना दो दिन का,
क्यों वीरथा करे ग़ुमान मूरख इस धन और जोबन का,
नाहीं भरोसा पल का नाहीं भरोसा पल का,
यूँ ही मर जाएगा यूँ ही मर जाएगा ॥

दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला,
क्या लेके आया जगत में,
क्या लेके जाएगा,
दो दिन की जिंदगी है,
दो दिन का मेला ॥

इस काया का है भाग,
भाग बिन पाया नहीं जाता,
करम बिना नसीब फ़ल,
तोड़ खाया नहीं जाता,
कहे सत्य नाम जग ये, झूठा झमेला,
दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला,
दो दिन की जिंदगी है दो दिन का मेला,
क्या लेके आया जगत में,
क्या लेके जाएगा,
दो दिन की जिंदगी है,
दो दिन का मेला ॥

Kar Man Pe Adhikar Le Lyrics

सत्संगी भजन लिरिक्स

कर मन पे अधिकार ले तेरा हो गया भजन,
आदतें बुरी सुधार ले तेरा हो गया भजन ॥

दिल में भरा है छलकपट होंठो पे प्रभु का नाम,
कैसे तुम्हारे दुख में प्रभु जी आंएगे काम,
दिल से प्रभु को पुकार ले तेरा हो गया भजन,
आदतें बुरी सुधार ले… ॥

इस जग में रह के प्राणी जग वालो को न भूल,
कांटा ना बन चमन में बनना तू बन जा फूल,
इसे मन में तू उतार ले तेरा हो गया भजन,
आदतें बुरी सुधार ले… ॥

जिस हाल में है प्राणी उस में गुजर तू कर,
जितना मिला प्रभु से उस में सब्र तू कर,
इच्छायों को निवार ले तेरा हो गया भजन,
आदतें बुरी सुधार ले… ॥

सारे कुकर्म त्याग दे फिर देख ले असर,
रखते है कैसे ईश्वर मन पे नजर
भक्ति में मन को सवार ले तेरा हो गया
आदतें बुरी सुधार ले… ॥

नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी का

सत्संग भजन लिखित में

नही चाहिये दिल दुखाना किसी का,
सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,
सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,
जमाना किसी का,
नही चाहिये दिल दुखाना किसी का ॥

आयेगा बुलावा तो जाना पड़ेगा,
सर तुझ को आखिर झुकाना पड़ेगा,
वहाँ ना चलेगा बहाना किसी का,
नही चाहिये दिल दुखाना किसी का ॥

शोहरत तुम्हारी बह जायेगी ये,
दौलत यही पर रह जायेगी ये,
नही साथ जाता खजाना किसी का,
नही चाहिये दिल दुखाना किसी का ॥

पहले तो तुम अपने आप को सम्भलौ,
हक है नही तुमको बुराई औरों मे निकालो,
बुरा है बुरा जग मे बताना किसी का,
नही चाहिये दिल दुखाना किसी का ॥

दुनिया का गुलशन सदा ही रहेगा,
ये जहाँ मे लगा ही रहेगा,
आना किसी का जग मे जाना किसी का,
नही चाहिये दिल दुखाना किसी का ॥

नही चाहिये दिल दुखाना किसी का,
सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,
सदा ना रहा है सदा ना रहेगा,
जमाना किसी का,
नही चाहिये दिल दुखाना किसी का ॥

Karna Sewa Satkar Lyrics

सत्संग भजन लिखित में

करना सेवा सत्कार, करना हर किसी से प्यार,
न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे ।
लेके जग से बुराई मत जाना रे,
अच्छे कर्मो से जीवन सजाना रे ।

घर आये को भगवान् समझना,
अपने ही जैसा इंसान समझना ।
मीठी वाणी उसको बोल, वाणी होती है अनमोल ।
तीखी वाणी किसी को मत सुनाना रे ।
प्यार अपना सभी पे तू लुटाना रे ।

तुच्छ समझ किसी पर नहीं हंसना,
सब पे सम-रस भाव तुम रखना,
पढ़ना गीता का उपदेश, उसमे है जी ये सन्देश,
कहाँ रहता है एक सा ज़माना रे ।
भाव-भगति में मन को रमाना रे ।

पाप का धन अपने घर तू ना लाना,
खून-पसीने की रोटी ही खाना ।
मेहनत करना आठों याम, किरपा करेंगे तुझपे राम ।
सत्य-पथ से ना पग को डिगाना रे ।
बुरे कर्मों को हाँथ ना लगाना रे ।

मन में कभी तू अभिमान ना करना,
जग में किसी का अपमान ना करना ।
ऊपर होगा सब हिसाब, दोगे कैसे तुम जवाब,
फिर तुझको पड़ेगा पछताना रे ।
रह जायेगा यहीं पर खजाना रे ।

करना सेवा सत्कार, करना हर किसी से प्यार,
न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे ।
लेके जग से बुराई मत जाना रे,
अच्छे कर्मो से जीवन सजाना रे ।

करना सेवा सत्कार, करना हर किसी से प्यार,
न कभी भी किसी का दिल दुखाना रे ।

ओ पापी मन करले लिरिक्स

सत्संग भजन लिखित में

ओ पापी मन करले भजन,
मौका मिला है तो करले जतन ॥

ओ पापी मन करले भजन,
मौका मिला है तो करले जतन,
बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

चार दिनों का है जग का मेला,
कोई ना साथी संगी अकेला।
जैसा तू आया जग में वैसा ही तू जाएगा,
मुठ्ठी बाँध के आया जग में,
हाथ पसारे जाएगा,
हो बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

भाई बंधू कुटुंब कबीला,
ये तो जग का झूठा झमेला,
मरने के बाद तुझे आग में जलाएंगे,
तेरह दिनों का तेरा मातम मनाएंगे,
बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

राम नाम का सुमिरण करले,
राम जी का नाम प्यारे घट में धर ले,
राम जी का नाम प्यारे काम तेरे आएगा,
जीवन मरण से तू मुक्ति पा जायेगा,
बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

ओ पापी मन करले भजन,
मौका मिला है तो करले जतन,
बाद में प्यारे पछताएगा जब,
पिंजरे से पंछी निकल जाएगा ॥

सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है लिरिक्स

सत्संग भजन लिखित में

सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
चलो सत्संगे में चलें, हमे हरी गुण गाना है ॥

कहाँ कहाँ ढूँढा तुझे, कहाँ कहाँ पाया है ।
भक्तो के हृदय में मेरे श्याम का ठीकाना है ॥

राधा ने पाया तुझे मीरा ने पाया तुझे ।
मैंने तुझे पा ही लिया, मेरे दिल में ठिकाना है ॥

सत्संगे में आ जाओ, संतो संग बैठ जाओ ।
संतो के हृदय में, मेरे श्याम का ठिकाना है ॥

मीरा पुककर रही, आवो मेरे बनवारी ।
विष भरे प्याले को, तुने अमृत बनाना है ॥

शबरी पुककर रही, आओ मेरे रघुराई ।
खट्टे मीठे बेरों का तोहे भोग लगाना है ॥

द्रोपती पुकार रही, आवो मेरे कृष्णाई ।
चीर को बढाना है, तुम्हे लाज को बचाना है ॥

मथुरा में डूंडा तुझे, गोगुल के पाया है ।
वृन्दावन की गालिओ में मेरे श्याम का ठिकाना है ॥

मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो – Satsang Bhajan Lyrics

Satsang Bhajan Lyrics

मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो
मैं वी दर तेरे ते आयी होई आ

मेरे कर्मा वल ना वेखियो जी,
मैं वी कर्मा तो शरमाई होई आ,
मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो,
मैं वी दर तेरे ते आयी होई आ,

जो दर तेरे ते आ जांदा,
ओह असल खजाने पा जांदा,
मैं वी दर ते आस लगाई होई आ,
मैनु दर ते खली मोड़ी ना,
मैं वी दर तेरे ते आयी होई आ,

तुसी तारणहार कहन्दे हो,
दुबेया नु बनने लांदे हो,
मेरा भी बेडा पार करो,
मैं वी दर तेरे आयी होई आ,

मेरे सतगुरु जी तुसी मेहर करो,
मैं वी दर तेरे ते आयी होई आ।

Bhar De Re Shyam Jholi Bhar De – Satsang Bhajan Lyrics

Satsang Bhajan Lyrics

​भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,
ना बहला ओ, बातों में।।

दिन बीते बीती रातें,
अपनी कितनी हुई रे मुलाकातें,
तुझे जाना पहचाना,
तेरे झूठे हुए रे सारे वादे,
भूले रे श्याम तुम तो भूले,
क्या रखा है बातों में,
​भर दे रे श्याम झोली भरदे।।

नादान है अनजान हैं,
श्याम तू ही मेरा भगवान है,
तुझे चाहूं तुझे पाऊं,
मेरे दिल का यही अरमान है,
पढ़ ले रे श्याम दिल की पढ़ले,
सब लिखा है आंखों में,
​भरदे रे श्याम झोली भरदे।।

मेरी नैया ओ कन्हैया,
पार करदे तू बनके खिवैया,
मैं तो हारा, गम का मारा,
आजा आजा ओ बंशी के बजैया,
लेले रे श्याम अब तो लेले,
लेले, मेरा हाथ हाथों में,
​भर दे रे श्याम झोली भरदे।।

मैं हूं तेरा तू है मेरा,
मैंने डाला तेरे दर पे डेरा,
मुझे आस है विश्वास है,
श्याम भर देगा दामन तु मेरा,
झूमें रे श्याम ‘नन्दू’ झूमें,
झूमें, तेरी बांहों में,
भर दे रे श्याम झोली भरदे।।

​भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,
ना बहला ओ, बातों में।।

Satsang Me Aakar Ke Jeevan Safal Karle Lyrics

सत्संगी भजन माला Lyrics

सत्संग में आकर के,
जीवन सफल कर ले,
मेरे मन कर जतन,
सत वचन सुन ले ॥

कागा हंसा बने सत्संग करके,
सब पाप भस्म हो जलकर के,
आए यहां जो चलकर के,
नही मन भीतर कोई छल करके,
मेरे मन कर जतन,
सत वचन सुन ले ॥

नया जीवन मिलेगा सत्संग में,
रंग जायेगा तन मन प्रभु रंग में,
ज्ञान खड़ग हो जब संग में,
यमदूत भाग जाए जंग में,
मेरे मन कर जतन,
सत वचन सुन ले ॥

पूज्य गुरू की कृपा जब हो जाएगी,
तेरी लख चौरासी खो जाएगी,
मुक्ति तुम्हारी हो जाएगी,
और देह परम पद को पाएगी,
मेरे मन कर जतन,
सत वचन सुन ले ॥

रीता सत्संग में आके ना कोई गया,
जीता पांचों विषय और मोह गया,
गुरु रामपुरीजी ने किनी दया,
जब कानपुरी तो निर्भय भया,
मेरे मन कर जतन,
सत वचन सुन ले ॥

सत्संग में आकर के,
जीवन सफल कर ले,
मेरे मन कर जतन,
सत वचन सुन ले ॥

राम भजन कर प्राणी तेरी दो दिन की जिन्दगानी लिरिक्स

सत्संगी भजन माला Lyrics

तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी,
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी,
काया-माया बादल छाया, मूरख मन काहे भरमाया,
उड़ जायेगा साँसका पंछी, फिर क्या है आनी-जानी,
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी ॥

जिसने राम-नाम गुन गाया, उसको लगे ना दुखकी छाया,
निर्धनका धन राम-नाम है, मैं हूँ राम दिवानी,
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी,
जिनके घरमें माँ नहीं है, बाबा करे ना प्यार,
ऐसे दीन अनथोंका है, राम-नाम आधार,
मुखसे बोलो रामकी बानी, मनसे बोलो रामकी बानी,
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी ॥

सजन सनेही सुखके संगी, दुनियाकी है चाल दुरंगी,
नाच रहा है काल शीश पे, चेत-चेत अभिमानी,
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी,
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी ॥

Chali Ja Rahi Hai Umar Dheere Dheere Lyrics

सत्संगी भजन माला Lyrics

चली जा रही है उम्र धीरे धीरे,
पल पल आठों पहर धीरे धीरे,
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे,
चली जा रही है उमर धीरे धीरे ॥

बचपन भी जाए जवान भी जाए,
बुढापा का होगा असर धीरे धीरे,
चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
छोटी सी जिंदगानी चार दिन की जवानी,
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे ॥

शिथल अंग होंगे सब इक दिन तुम्हारे,
फिर मंद होगी नज़र धीरे धीरे,
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे,
छोटी सी जिंदगानी चार दिन की जवानी ॥

बुराई से मन को तू अपने हटा ले बन्दे,
बन जाए तेरा जीवन धीरे धीरे,
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे ॥

भजन कर हरी का तू पल पल प्यारे,
मिल जाएगा वो सजन धीरे धीरे,
चली जा रही है उम्र धीरे धीरे ॥

Maine Tere Hi Bharose Hanuman Lyrics

सत्संग महिमा भजन लिरिक्स

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ।
मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥

काहे की या नाव बनाई,
काहे की पतवार,
रामा काहे की लगा दी जंजीर,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥

राम नाम की नाव बनाई,
भक्ति की पतवार,
ओ रामा ज्ञान की लगा दी जंजीर,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥

कौन सखी वामें बैठनहारे,
कौन है खेवनहार,
रामा कौन लगाहे बेड़ा पार,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥

सीता मैया बैठनहारी,
लक्ष्मण खेवनहार,
मोरे राम जी लगावे बेड़ा पार,
सागर में नैया डार दई,
मैने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥

तुलसीदास आस रघुवर की,
चरणन में बलिहार,
मोरे बालाजी लगाहे बेडा पार,
सागर में नैया डार दई ।
मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान
सागर में नैया डाल दई ॥

मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ।
मैंने तेरे ही भरोसे हनुमान,
सागर में नैया डाल दई ॥

Kaya Teri Ho Gayi Purani Lyrics

सत्संग महिमा भजन लिरिक्स

हरी का भजन कर प्राणी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी,
हो गयी पुरानी काया हो गयी पुरानी,
हरि का भजन कर प्राणी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी ॥

ये काया कागज का टुकड़ा,
बून्द लगे घुल जाए,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी,
हरि का भजन कर प्राणी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी ॥

ये काया में आग लगेगी,
धुंआ उड़ेगा आसमानी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी,
हरि का भजन कर प्राणी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी ॥

कृष्ण भजन कर ओ मन पंछी,
छण भर की जिंदगानी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी,
हरि का भजन कर प्राणी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी ॥

कहे जन सिंगा सुनो भाई साधो,
गुरु की चरण है सुहानी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी,
हरि का भजन कर प्राणी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी ॥

हरी का भजन कर प्राणी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी,
हो गयी पुरानी काया हो गयी पुरानी,
हरि का भजन कर प्राणी,
काया तो तेरी हो गयी पुरानी ॥

कबीरा जब हम पैदा हुए Lyrics

सत्संग महिमा भजन लिरिक्स

कबीरा जब हम पैदा हुए,
जग हँसे,हम रोये ।
ऐसी करनी कर चलो,
हम हँसे,जग रोये ॥

चदरिया झीनी रे झीनी
राम नाम रस भीनी
चदरिया झीनी रे झीनी

अष्ट-कमल का चरखा बनाया,
पांच तत्व की पूनी ।
नौ-दस मास बुनन को लागे,
मूरख मैली किन्ही ॥
चदरिया झीनी रे झीनी…

जब मोरी चादर बन घर आई,
रंगरेज को दीन्हि ।
ऐसा रंग रंगा रंगरे ने,
के लालो लाल कर दीन्हि ॥
चदरिया झीनी रे झीनी…

चादर ओढ़ शंका मत करियो,
ये दो दिन तुमको दीन्हि ।
मूरख लोग भेद नहीं जाने,
दिन-दिन मैली कीन्हि ॥
चदरिया झीनी रे झीनी…

ध्रुव-प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी चदरिया,
शुकदे में निर्मल कीन्हि ।
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी,
ज्यूँ की त्यूं धर दीन्हि ॥
के राम नाम रस भीनी,

बांके बिहारी तुझे देख के मेरे नैना – सत्संगी भजन लिरिक्स

सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी

बांके बिहारी तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये
नैना उलझ गये मुश्किल में पड़ गये
बांके बिहारी तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये

जब मैं जाऊ पनिया भरन को
सखिया के संग तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये
बांके बिहारी…

जब मैं जाऊ यमुना नहाने
चीर चुराते तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये
बांके बिहारी…

जब मैं जाऊ दहिया बेचन को
माखन चुराते तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये
बांके बिहारी…

जब मैं पूजा करन को
राधा के संग तुझे देख के मेरे नैना उलझ गये
बांके बिहारी…


हरि नाम के रस को पी पी कर – सत्संगी भजन लिरिक्स

सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी

हरि नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया,
हरी नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया,
आनंद में जीना सीख लिया,
आनंद में जीना सीख लिया,
प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में,
जाकर के पीना सीख लिया,
हरी नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया।।

हरी नाम की मस्ती अनोखी है,
पी करके हमने देखी हैं,
सब चिंताओं को छोड़ के अब,
मस्ती में रहना सीख लिया,
हरी नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया।।

पीकर के आनंद आता है,
यह झूठा जग नहीं भाता है,
तुम भी थोड़ी सी पिया करो,
यह सब से कहना सीख लिया,
हरी नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया।।

हरि नाम में चूर जो रहते हैं,
माया से दूर वो रहते हैं,
हरी याद रहे हर पल हमको,
प्रभु नाम को जपना सीख लिया,
हरी नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया।।

कहना यह ‘चित्र विचित्र’ का है,
मुश्किल से मिलता मौका है,
हरि नाम के पागल बन जाओ,
सब को समझाना सीख लिया,
हरी नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया।।

हरि नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया,
हरी नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया,
आनंद में जीना सीख लिया,
आनंद में जीना सीख लिया,
प्रभु प्रेम प्याला सत्संग में,
जाकर के पीना सीख लिया,
हरी नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया।।


वृन्दावन जाने वालो – सत्संगी भजन लिरिक्स

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

वृन्दावन जाने वालो वृन्दावन जाने वालो
बांके बिहारी के नाम मेरा पैगाम ले जाओ
वृन्दावन जाने वालो वृन्दावन जाने वालो

पेहले मेरी तरफ से तुम चरणों में शीश झुकाना
उनके चरणों में बैठ के मेरा दरदे हाल सुनाना,
उनके सजदे में मेरा सलाम ले जाओ
वृन्दावन जाने वालो वृन्दावन जाने वालो

केहना तेरा दीवाना तुम बिन पल पल तेडप रहा है
मुश्किल हुआ है जीना उसका दर्द न जाए सहा है ,
वो अस्को की सोगात उनके नाम ले जाओ

तेरे बिन प्यारे रो रो के बीते ये जीवन सारा,
तेरे दर्शन बिन पगल का इक पल न होए गुजारा
चित्र वचित्र की कुछ तो खबर घनश्याम ले जाओ
वृन्दावन जाने वालो वृन्दावन जाने वालो


ओ रसना राधे राधे बोल लिरिक्स

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
ओ रसना राधे राधे बोल

ये बोल बड़े अनमोल
ओ रसना राधे राधे बोल

राधाजी बरसाने वाली
राधाजी वृषभानु दुलारी
राधाजी बरसाने वाली
राधाजी वृषभानु दुलारी

दो अक्षर आधार जगत के
दो अक्षर आधार जगत के
ये अक्षर अनमोल
ओ रसना राधे राधे बोल
रसना राधे राधे बोल

अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
ओ रसना राधे राधे बोल
रसना राधे राधे बोल

राधाजी महारास रचावे
राधाजी नन्दलाल नचावे
राधाजी महारास रचावे
राधाजी नन्दलाल नचावे

इस छवि को भर कर नयनन में
इस छवि को भर कर नयनन में
अन्तर के पट खोल
ओ रसना राधे राधे बोल
रसना राधे राधे बोल

अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
ओ रसना राधे राधे बोल
रसना राधे राधे बोल

बिन राधा नहीं सजे बिहारी
बिन राधा नहीं मिले बनवारी
बिन राधा नहीं सजे बिहारी
बिन राधा नहीं मिले बनवारी

इनके चरण पकड़ ले नादां
इनके चरण पकड़ ले नादान
भटक न दर दर डोल
ओ रसना राधे राधे बोल
रसना राधे राधे बोल

अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
ओ रसना राधे राधे बोल
रसना राधे राधे बोल
रसना राधे राधे बोल
राधे बोल, राधे बोल
राधे, राधे, राधे, राधे

ये बोल बड़े अनमोल
ओ रसना राधे राधे बोल
रसना राधे राधे बोल


मेरी विनती यही है राधा रानी

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

मेरी विनती यही है राधा रानी,
कृपा बरसाए रखना,
हे महा रानी कृपा बरसाए रखना,
हे राधा रानी कृपा बरसाए रखना।
हो मुझे तेरा ही सहारा महारानी,
चरणो से लिपटाये रखना,
कृपा बरसाए रखना,
हे महा रानी कृपा बरसाए रखना,
हे राधा रानी कृपा बरसाए रखना।

छोड़ दुनिया के झूठे नाते सारे,
किशोरी तेरे दर पे आ गया,
मैंने तुमको पुकारा बृजरानी,
की जग से बचाये रखना,
कृपा बरसाए रखना,
हे महा रानी कृपा बरसाए रखना,
हे राधा रानी कृपा बरसाए रखना,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा।

इन स्वासो की माला पे में,
सदा ही तेरा नाम सिमरूँ,
लागि लगन श्री राधा नाम वाली,
लगन ये लगाये रखना,
कृपा बरसाए रखना,
हे महा रानी कृपा बरसाए रखना,
हे राधा रानी कृपा बरसाए रखना,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा।

तेरे नाम के रंग में रंग के,
मैं डोलूँ बृज गलियन में,
कहें चित्र विचित्र श्यामा प्यारी,
वृंदावन बसाये रखना,
कृपा बरसाए रखना।
हे महा रानी कृपा बरसाए रखना,
हे राधा रानी कृपा बरसाए रखना,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा,
श्री राधा श्री राधा श्री राधा।

मेरी विनती यही है राधा रानी,
कृपा बरसाए रखना,
हे महा रानी कृपा बरसाए रखना,
हे राधा रानी कृपा बरसाए रखना।
हो मुझे तेरा ही सहारा महारानी,
चरणो से लिपटाये रखना,
कृपा बरसाए रखना,
हे महा रानी कृपा बरसाए रखना,
हे राधा रानी कृपा बरसाए रखना।


मेरी बहना अब तो भजूंगी हरिनाम

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

बालापन हँसखेल गवाँ दिया,
मेरी बहना तरुणाई भई है, वे काम, उमर सारी ढर गई।

झूट कपट में ऐसी फँस गई,
मेरी बहना लिया न मैंने हरिनाम, उमर सारी ढर गई।

मानव तन पायौ बड़े भाग्य से,
मेरी बहना भक्ति करूँगी निष्काम, उमर सारी ढर गई।

दौलत यहीं पर रह जायगी,
मेरी बहना साथ न जायेगा छदाम, उमर सारी ढर गई।

महल दुमहले यहीं रह जायेंगे,
मेरी बहना आखिर में देय संग हरिनाम, उमर सारी ढर गई।

स्वाँस स्वाँस में रटूं राम को
मेरी बहना हृदय में बसाऊँ आठौं याम, उमर सारी ढर गई।

महावीर मगन रहें सतसंग में,
मेरी बहना रहत हर्दपुर गाम, उमर सारी ढर गई।


बन्दे क्यों भटकत फिरता है सब कर्मों का खेल

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

वन्दे क्यों भटकत फिरता है सब कर्मों का खेल।
जो तोय जीवन सफल बनाना कर भक्ति से मेल।।

कर्मों से मिलता राजपाट, कर्मों से मिले सुगड़ नारी।
कर्मों से धन दौलत पावै, कर्मों से पुत्र आज्ञाकारी।।

कर्म तराजू के दो पलड़े, तोल सके तो तोल।
सिर धुन-धुन पछतायेगा, ये जीवन मिला अमोल।।

कर्म प्रधान विश्व में वन्दे और सब रहा झमेला।
बिना कर्म के तरत न देखा कोई गुरु कोई चेला।।

खोटे कर्म छोड़ दे वन्दे जो जीवन सफल बनाना।।
जग के सब जंजाल छोड़ के हो भक्ति दीवाना।।।

करुणा कर केशव को भजकर यह जीवन शुद्ध बना ले तू।
काल कुर्की होयगी ये दिल पर भाव जगा ले तू।।

शुद्ध हृदय को कर ले और बुद्धि को निर्मल कर ले।
सदगुरु के पास चला जा तू ज्ञान दीप सागर भर ले।।

अब भी चेतगुमानी क्यों रहा मद में तू इठलाई।
कर्म रेख महावीर मिटे नहीं कर लाखों चतुराई ।।

अपनी मुक्ति का तू तो यतन कर ले

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

अपनी मुक्ति का तू तो यतन कर ले।
रोज थोड़ा-थोड़ा हरि सुमिरन कर ले।।

बालापन हँस खेल गमायौ।
तरुण भयौ मस्ती में छायौ।
अब तो आदत में परिवर्तन कर ले।
रोज थोड़ा-थोड़ा हरि सुमिरन कर ले

ये काया कुछ काम न आवै।
धन दौलत तेरे साथ न जावै।।
आगे रास्ते को अपने सुगम कर ले।
रोज थोड़ा-थोड़ा हरि सुमिरन कर ले

बड़े भाग्य मानुष तन पायौ।
वादा कर तू प्रभु से आयौ।
अपने वादे पर वन्दे अमल कर ले।
रोज थोड़ा-थोड़ा हरि सुमिरन कर ले

कुटुम कबीला यहीं रह जाएगौ।
बेटा तुझको नाक नचाएगौ।।
अपनी इच्छाओं का दमन कर ले।
रोज थोड़ा-थोड़ा हरि सुमिरन कर ले

अहंकार की छोड़ डगरिया।
माया को तज दे बाबरिया।
महावीर वाणी को अमृतमय कर ले।
रोज थोड़ा-थोड़ा हरि सुमिरन कर ले


कर ले तू सतसंग रसपान

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

कर ले तू सतसंग रसपान प्रभु मेरे दौड़े आयेंगे।
भरोसा कर थोड़ा सा मन में।

प्रभु मेरे मिल जायेंगे छन में।
मन मन्दिर में भाव जगाले अपने धाम बुलायेंगे।
कर ले तू सतसंग रसपान

मोह से दृष्टि हटा ले तू
भावना शुद्ध बना ले तू।
कर ले तू भक्ति रस पान फिर तोय गले लगायेंगे।
कर ले तू सतसंग रसपान

व्यसनों की छोड़ डगरिया।
हरि को भज ले तू बाबरिया।।
बीच भँवर में डूबी नाव तेरी पार लगायेंगे।
कर ले तू सतसंग रसपान

माया साथ न देय निगोड़ी।
भज ले हरी समय रही थोड़ी।
महावीर भूल करे क्यों भारी प्रभु तुझको अपनायेंगे।
कर ले तू सतसंग रसपान


ऐरे सतसंग चर्चा से है जाइगो बेढ़ापार

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

ऐरे सतसंग चर्चा से है जाइगो बेढ़ापार,
तू काहे मन भटकाय रहा

सतसंग चर्चा सुनने से तोय लाभ मिलेगा भारी।
भक्ती रस में डूबक लेने जुड़ रहे नर और नारी।
ऐरे तेरे जीवन का हो जाएगा उद्धार
तू काहे मन भटकाय रहा

काम क्रोध का त्यागन करके ममता दूर भगाले।
अहंकार में मार पटकनी भक्ति माल कमाले।
ऐरे तेरे जीवन का यही है आधार।
तू काहे मन भटकाय रहा

करुणाकर करुणा केशव ने दे दिया मानव चोला।
राम नाम सुमिरन करने को अब तक मुँह नहीं खोला।
ऐरे तू तो भटकेगा जगत में बारम्बार।
तू काहे मन भटकाय रहा

गर्भमास में कौल किया वह तूने नहीं निभायौ।
मैं मेरी में भूल गया तूने राम नाम नहीं गायौ।
ऐरे महावीर पछतायौ तू तो बेसुम्बार।
तू काहे मन भटकाय रहा


सतसंग महिमा बड़ी अपार भजन

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

सतसंग महिमा बड़ी अपार
आज मैं सुनने जाऊँगी।

सतसंग मुक्ति देय दिलाई।
रहे ऋषिमुनी सब गाई।
सुख जायें वे सुम्बार, आज मैं सुनने जाऊँगी।।

सत नाम एक ईश्वर को।
बेडा पार होय जा नर कौ।।
यही है जीवन का आधार, आज मैं सुनने जाऊँगी।।

रहे भक्त सभी ये गाई।
सतसंग से मानव तर जाई।
जाकौ है जाय बेड़ापार, आज मैं सुनने जाऊँगी।।

तर जाओगे चिन्तन से।
अहंकार भगाओ मन से।
महावीर कर रहे काहे अवार, आज मैं सुनने जाऊँगी।।

मोय सतसंग सुनने का चाब भजन लिरिक्स
मोय सतसंग सुनने का चाब,
संग में ले चल साँवरिया।


सतसंग की बगिया में जरूर जाऊंगी

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

सतसंग की बगिया में जरूर जाऊंगी।
ले चलियो मोको साथ में मैं दौड़ी जाऊंगी।।

सभी जगह सतसंग है रहे, मोपै रहयौ न जाए।
भक्ती रस में डुबकी लैवे, मेरौ मन ललचाय।
संत समागम की वाणी में सुन के आऊंगी।
ले चलियो मोको साथ में मैं दौड़ी जाऊंगी

तुलसी बाबा ने सतसंग की महिमा कही अपार।
हृदय लेत हिलोरें मेरौ, हो जाएगा उद्धार।
वेद शास्त्रों के आचरणों को अपनाऊंगी।
ले चलियो मोको साथ में मैं दौड़ी जाऊंगी

राम नाम की चर्चा में, नहीं कछु गाँठ को जाए।
बने भविष्य हमारा संग में, जनम सफल हो जाए।
महावीर मैं मन की बतियाँ कर के आऊंगी।
ले चलियो मोको साथ में मैं दौड़ी जाऊंगी


Aa Laut Ke Aaja Hanuman Tumhe shree Ram Bulate Hain

आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं।
जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥

लंका जला के सब को हरा के तुम्ही खबर सिया की लाये।
पर्वत उठा के संजीवन ला के तुमने लखन जी बचाए।
हे बजरंगी बलवान, तुम्हे हम याद दिलाते हैं॥

पहले था रावण एक ही धरा पे, जिसको प्रभु ने संघारा।
तुमने सवारे थे काज सारे, प्रभु को दिया था सहारा।
जग में हे वीर सुजान भी तेरे गुण गाते हैं॥

है धरम संकट में धर्म फिर से, अब खेल कलयुग ने खेले।
हैं लाखों रावण अब तो यहाँ पे, कब तक लड़े प्रभु अकेले।
जरा देख लगा के ध्यान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥

है राम जी बिन तेरे अधूरे, अनजानी माँ के प्यारे।
भक्तो के सपने करने को पूरे, आजा पवन के दुलारे।
करने जग का कल्याण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥

साखी:

“राम मिलन के कराने जो तू खड़ा उदास
साधु संगत शोध ले राम उन्ही के पास”

सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||

सुग्रीव ने संगत राम जी की किनी, वानर फोज बनी साधो भाई
उस वानर की कोई है शाम रित, जो रावण से आन लड़ी
सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||

नरसी ने संगत पीपाजी की कीड़ी, सुई पर बात अडी है
56 करोड़ को भरो मायरो, वो आयो आप हरी रे सावरो
सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||

प्रह्लाद ने संगत सरियादेवी की कीड़ी, नाम पर बात अडी है
खम्भ फास हरिणाकश्यप मारियो फिर मिले हरी
सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||

लोहा ने संगत काट की किनी, समुद्र बिच नाव तिरी रे
उंडा नीर बता दे साधू, मारा सतगुरु पार करी रे संतो
सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी ||टेर||

उच्च नीच का भेद नहीं जाने, कहत कबीर सुनो भाई साधु
थारो आवो गमन मिटे रे संतो
सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत री संगत में
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी

||संत कबीर साहेब की जय हो ||


कहा आता कहा जाता लागे नहीं पाता लिरिक्स

प्रभु जी, प्रभु जी, प्रभु जी
कहा आता कहा जाता
लागे नहीं पाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता

कहा आता कहा जाता
कहा आता कहा जाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता

सपनो में खेला सब महल अटारी
रानी पुत्र से न साजे पालकी सवारी

नींद खुले सब
नींद खुले सब
होजा लापता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता

राइ राइ जोड़ी जोड़ी भरला खजाना
दान करने में करे बहुत बहाना
नींद में सोया जैसे सब छूट जाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता

कितना खिलावे चाहे खोवा मलाई
प्यार दुलार कुछ आम न आई

आवेला बुलावा जब प्रभु जी
आवेला बुलावा जब उड़ जायेला तोता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता

कहा आता कहा जाता
कहा आता कहा जाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता
रघुराई हो…
बंद करा कर्म का खाता

Satsang Bhajan Lyrics in Hindi

4 thoughts on “सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी | Satsang Bhajan Lyrics in Hindi”

  1. मे बहुत आभारी हुँ । एैसी ही सभी प्रकारकाे भजन और भजनकाे लिरिक्स भि डाल्नेकी अपेक्षा करता हूँ ।

    कहाँ आता कहाँ जाता लागे नहीँ पाता रघुराइ हाे…
    सपनाेँमे खेला…
    य भजनाेँका लिरिक्स भि अपेक्षा करता हूँ ।

    Reply
    • हृदयराम जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद्।
      आपके द्वारा अभिलक्षित भजन का लिरिक्स देखे : कहा आता कहा जाता लागे नहीं पाता

      कृपया करके दूसरा भजन “सपनो में खेला” हमे नहीं मिला। कृपया करके इसके बोल कमेंट करके बताये।

      Reply
      • Thanks, so much. बहुत अाभारी हूँ for lyrics. “सपनो में खेला” दूसरा भजन नही‌ था। कहाँ आता कहाँ जाता लागे नहीँ पाता रघुराइ bhajan लिरिक्स के ही अँन्तरा था । वाे दूसरा भजन नही‌ ।यिस्के लिय मे बहुत सरमिन्दा हूँ । so sorry ।

        “कबहूँ मिलाेँगे राम कबहूँ मिलाेँगे स्याम
        कबहूँ मिलाेँगे दीनानाथ हमारे ‍‍‍‍…” भजनका लिरिक्सके अपेक्षा करता हूँ

        Reply
  2. Thanks, so much. बहुत अाभारी हूँ for lyrics. “सपनो में खेला” दूसरा भजन नही‌ था। कहाँ आता कहाँ जाता लागे नहीँ पाता रघुराइ bhajan लिरिक्स के ही अँन्तरा था । वाे दूसरा भजन नही‌ ।यिस्के लिय मे बहुत सरमिन्दा हूँ । so sorry ।

    “कबहूँ मिलाेँगे राम कबहूँ मिलाेँगे स्याम
    कबहूँ मिलाेँगे दीनानाथ हमारे ‍‍‍‍…” भजनका लिरिक्सके अपेक्षा करता हूँ

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आरती : जय अम्बे गौरी