Agar Na Gaya Tu Mandir Lyrics
निश्छल प्रेम की देवी हो जीने का आधार है माँ
माँ की ममता अतुलनीय इस जीवन का सार है माँ
गर ना गया तू मंदिर में देखे ना चारो धाम
चरणों में माँ के जन्नत है कर ले उन्हें प्रणाम
गर ना गया तू मंदिर में देखे ना चारो धाम
चरणों में माँ के जन्नत है कर ले उन्हें प्रणाम
सृष्टि की सबसे प्यारी रचना तुम्ही हो माँ
दुनिया में बेसकीमती गहना तुम्ही हो माँ
ऐसी ना भोर आये आये ना ऐसी शाम
जिस दिन किसी के होठो पे आये ना माँ का नाम
गर ना गया तू मंदिर में देखे ना चारो धाम
चरणों में माँ के जन्नत है कर ले उन्हें प्रणाम
तुझसे मिला सभी को अच्छे बुरे का ज्ञान
पाओगे अपने पास करो जब भी माँ का ध्यान
सो जाते सुनके तेरी लोरी मीठी की तान
तेरी कृपा से बनते है हर घर के बिगड़े काम
गर ना गया तू मंदिर में देखे ना चारो धाम
चरणों में माँ के जन्नत है कर ले उन्हें प्रणाम