संजीवन लेकर आ जाइयो लिरिक्स | Sanjivan Lekar Aa Jayio Lyrics

पवन पुत्र हनुमान जी का अति पावन भजन “संजीवन लेकर आ जाइयो लिरिक्स | Sanjivan Lekar Aa Jayio Lyrics” – कुमार ऋषि जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी की राम भक्ति बताया गया है।


Sanjivan Lekar Aa Jayio Lyrics

जब तक सूरज उदय ना होए ।
संजीवन लेकर आ जाइयो ।।

ऊंचे पर्वत साधु बैठा जा पहुंचे हनुमान ।
जा चरणों में शीश झुकाया और बतलाया अपना नाम ।।

संजीवन लेकर आ जाइयो ।।

कौन तुम्हारे माता-पिता है कहां तुम्हारा नाम ।
किसके तो तुम भेजे आए, किसके तो लगा शक्ति बाण ।।

संजीवन लेकर आ जाइयो ।।

अंजनी माता पवन पिता है हनुमत म्हारा नाम ।
रामचंद्र के भेजे आए, लक्ष्मण के लागा शक्ति बाण ।।

संजीवन लेकर आ जाइयो ।।

आधी रात पहर का तड़का ना पहुंचे हनुमान ।
रामचंद्र की चिन्ता बढ गई, अब ना बचेंगे लक्ष्मण प्राण ।।

संजीवन लेकर आ जाइयो ।।

चिड़िया बोली मोरा कुके आ पहुंचे हनुमान ।
रामचंद्र की विपता छूट गई, लक्ष्मण के बच गए प्राण ।।

संजीवन लेकर आ जाइयो ।।

Sanjivan Lekar Aa Jayio Lyrics

हमें उम्मीद है की श्री राम के भक्त हनुमान जी ये भजन का यह आर्टिकल “संजीवन लेकर आ जाइयो लिरिक्स | Sanjivan Lekar Aa Jayio Lyrics” + Video + Audio बहुत पसंद आया होगा। “ Sanjivan Lekar Aa Jayio Lyrics ” भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।

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