Mai To Ghar Ko Hi Mandir Banaungi Lyrics
ससुर मेरे को राजा दशरथ बनाउंगी
साँस को कौशल्या बनाउंगी
तीर्थ नही जाउंगी
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी
तीर्थ नही जाउंगी
जेठ मेरे को राजा राम बनाउंगी
जिठानी को सीता बनाउंगी
तिरथ नही जाउंगी
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी
तीर्थ नही जाउंगी
देवर मेरे को लक्ष्मण बनाउंगी
दुरानी को उर्मिला बनाउंगी
तिरथ नही जाउंगी
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी
तीर्थ नही जाउंगी
ननदोई मेरे को मै कान्हा बनाउंगी
ननदी को राधा बनाउंगी
तिरथ नही जाउंगी
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी
तीर्थ नही जाउंगी
राजा मेरे को मै तो विष्णु बनाउंगी
खुद लक्ष्मी बन जाउंगी
तिरथ नही जाउंगी
मै तो घर को ही मंदिर बनाउंगी
तीर्थ नही जाउंगी
