हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हों लिरिक्स | Hari Tum Bahut Anugrah Kinho Lyrics

यह अद्बुध हरी भजन “हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हों लिरिक्स | Hari Tum Bahut Anugrah Kinho Lyrics” राग बागेश्वरी का गाया हुआ है। इस भजन में हरी भक्त भगवन विष्णु के एक बार दर्शन की अभिलाषा व्यक्त कर रहे है।

Hari Tum Bahut Anugrah Kinho

हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हों लिरिक्स

हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हों
साधन धाम बिबुध दुर्लभ तनु मोहि कृपा कर दीन्हों

कोटिहुँ मुख कह जात न प्रभु के एक-एक उपकार
तदपि नाथ कछु और माँगिहौं दीजे परम उदार

विषय बारि मन मीन भिन्न नहीं होत कबहु पल एक
ताते सहौं विपति अति दारुण जनमत जोनि अनेक

कृपा डोर बनसी पद अंकुश परम प्रेम मृत्यु चारो
एहि बिधि बेधि हरहु मेरो दुख कौतुक नाम तिहारो

है श्रुति विदित उपाय सकल सुर केहि केहि दीन निहोरै
तुलसीदास यहि जीव मोह रजु जेहि बाँध्यौ सोई छोरै


Hari Tum Bahut Anugrah Kinho Lyrics

Hari Tum Bahut Anugrah Kinho ।
Sadhan Dham Bibudh Durlabh Tanu Mohi Kripa Kar Dinho ।।

Kotihu Mukh Kah Jaat Na Prabhu Ke Ek Ek Upkaar ।
Tadpi Naath Kachu Aur Mangiho Dije Param Udaar ।।

Vishay Bari Man Meen Bhinn Nahi Hot Kabhu Pal Ek ।
Tate Sohe Vipti Ati Darun Janmat Joni Anek ।।

Kripa Dor Bansi Pad Ankush Param Prem Mrityu Charo ।
Aihi Bidhi Bedhi Harhu Mero Dukh Kotuk Naam Tiharo ।।

Hai Shruti Vidit Upay Sakal Sur Kehi Kehi Deen Nihore ।
Tulsidas Yahi Jeev Moh Raju Jehi Bandhyo Soi Chore ।।

Hari Tum Bahut Anugrah Kinho

Hari Tum Bahut Anugrah Kinhaun Lyrics

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