भगवान गणेश “विघ्नहर्ता लिरिक्स | Vighnaharta Lyrics” अजय जी के द्वारा गाया हुआ है। इस भजन में गणेश जी का अपने कारज में आमंत्रित किया जा रहा और उन्हें प्रसन्न किया जा रहा है।
Vighnaharta Lyrics
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
गणपति बप्पा मोरयां, तेरा करम मेरा भरम,
मेरा धर्म तू ही तू, जनम वनम कुछ भी नहीं ।
परम तू ही तू, सितम वितम दया क्षमा,
अज़ब तेरी अदा है, जगत तू ही भगत तू ही ।।
हो, तू ही दाता तू ही विधाता, तेरा ये जग तू जग सारा,
तू ही आँधी, तू ही तूफ़ान, तू ही मौजें तू ही किनारा ।
तू सुख कर्ता तू ही दुख हरता, तू ना होता मैं जाने क्या करता,
विघ्नहर्ता, तू मेरा विघ्नहर्ता रे, विघ्नहर्ता, तू मेरा विघ्नहर्ता रे ।।
जब जब दुनियां ने, हाथ नहीं थामा,
मेरा सफर देवा, तेरे द्वार आया ।
धूप नहीं है मेरी, छाँव नहीं मेरी,
सब कुछ है तेरा बप्पा मोरया ।।
राहें भी तेरी पनाहें भी तेरी,
इन आहों को मेरी बस तेरा सहारा ।
हे सुख कर्ता तू ही दुख हरता,
तू ना होता मैं जाने क्या करता ।।
विघ्नहर्ता तू मेरा विघ्नहर्ता रे,
विघ्नहर्ता, तू मेरा विघ्नहर्ता रे,
विघ्नहर्ता, तू मेरा विघ्नहर्ता रे ।।
गणपति गणपति,
गणपति बप्पा मोरया,
गणपति बप्पा मोरया ।।
हमें उम्मीद है की गणेश जी के भक्तो को यह आर्टिकल “विघ्नहर्ता लिरिक्स | Vighnaharta Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “Vighnaharta Lyrics” के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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