Roop Dhari Vikral Maiya Kali Lyrics
रूप धारी विकराल भवानी रण में मैया काली है
टूट पड़ी दैत्यों के ऊपर देखो जीभ निकाली है
देखो जीभ निकाली है
रण में मैया काली है देखो जीभ निकाली है
रूप धारी विकराल भवानी रण में मैया काली है
सुम्भ निसुम्भ ने रक्तबीज ने जब उत्पात मचाया है
तब माता काली ने हाथ में खड्ग उठाया
रूप धरी विकराल भवानी रण में मैया काली है
रूप धरी विकराल भवानी रण में मैया काली है
अत्याचार बढे दैत्यों के भारी तबाही मचाई है
भारी तबाही मचाई है भारी तबाही मचाई है
सब देवो के करी स्तुति काली माँ चली आई है
रूप धरी विकराल भवानी रण में मैया काली है
उतर पड़ी रण में महाकाली चाल चले मतवाली है
चाल चले मतवाली है चाल चले मतवाली है
रक्तबीज दानव बड़ी आने दैत्य बड़ा बलशाली है
रूप धरी विकराल भवानी रण में मैया काली है
रक्तबीज संहार किया भर लो खप्पर खाली है
भर लो खप्पर खाली है भर लो खप्पर खाली है
काट काट असुरो की गर्दन माला गले में डाली है
रूप धरी विकराल भवानी रण में मैया काली है
नैना क्रोध से लाल हो गई मचल उठी माँ भारी है
मचल उठी माँ भारी है मचल उठी माँ भारी है
जब शिव जाए पड़े धरती में शांत हुई माँ काली है
रूप धरी विकराल भवानी रण में मैया काली है