Devi Firat Vipat Ki Mari Lyrics


Devi Firat Vipat Ki Mari Lyrics

देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता
देखन वारे करे अचम्भा आरा आरा आरा आरा
देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता
देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता

देवी माँ पर विपत बड़ी और पंडा को अपनी पड़ी है
और पंडा को अपनी पड़ी है और पंडा को अपनी पड़ी है
पंडा बाबा है बड़ा अड़ियल अपनी धुन में अड़ा रहा
अपनी धुन में अड़ा रहा अपनी धुन में अड़ा रहा

देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता
देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता

भाव पे भाव खेल रहा पंडा चला रहा नए नए हतकण्डा
पंडा चला रहा नए नए हतकण्डा
निमुआ काट के मारे मंत्र देवी माँ को जगा रहा
देवी माँ को जगा रहा देवी माँ को जगा रहा

देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता
देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता

खेलत भाव आ गई माई पंडा को फटकार लगाईं
पंडा को फटकार लगाईंपंडा को फटकार लगाईं
संकट में जब रहूं निरंजन काम तो ऐसो करना
काम तो ऐसो करना काम तो ऐसो करना

देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता
देवी फिरत विपत की मारी पंडा बोले कला बता

Devi Firat Vipat Ki Mari Lyrics

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