परशुराम जी की आरती “परशुराम जी की आरती लिरिक्स | Parashuram Ji Ki Aarti Lyrics” Deepak Mishra जी के द्वारा गायी हुई है। आरती के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में वीडियो के साथ दिए हुए है।
परशुराम जी की आरती लिरिक्स
ओउम जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी।
सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी।। ओउम जय।।
जमदग्नी सुत नरसिंह, मां रेणुका जाया।
मार्तण्ड भृगु वंशज, त्रिभुवन यश छाया।। ओउम जय।।
कांधे सूत्र जनेऊ, गल रुद्राक्ष माला।
चरण खड़ाऊँ शोभे, तिलक त्रिपुण्ड भाला।। ओउम जय।।
ताम्र श्याम घन केशा, शीश जटा बांधी।
सुजन हेतु ऋतु मधुमय, दुष्ट दलन आंधी।। ओउम जय।।
मुख रवि तेज विराजत, रक्त वर्ण नैना।
दीन-हीन गो विप्रन, रक्षक दिन रैना।। ओउम जय।।
कर शोभित बर परशु, निगमागम ज्ञाता।
कंध चार-शर वैष्णव, ब्राह्मण कुल त्राता।। ओउम जय।।
माता पिता तुम स्वामी, मीत सखा मेरे।
मेरी बिरत संभारो, द्वार पड़ा मैं तेरे।। ओउम जय।।
अजर-अमर श्री परशुराम की, आरती जो गावे।
पूर्णेन्दु शिव साखि, सुख सम्पति पावे।। ओउम जय।।
Parashuram Ji Ki Aarti Lyrics
Om jai parsudhar, suaymi jai parsudhari |
Sur nar munijan sevat, shreepati avtari ||
Jamdangni sut narsingh, ma reduka jaya |
Martand brigh vansaj, tribhuvan yas chaya ||
Kandhe sutra janeo, gal, rudraksha mala |
Charan khadao shobhe, tilak tripud bhala ||
Tamra shyam dhan kesaa, sish dalan andhi |
Mukh ravi tej virajat, taktt varad nena ||
Deen-heen go vipran, rakshak din rena ||
Kar shobhit bar parsu, nigmagam gyata |
Kandh chap-sar veshdav, brahmad kul trata ||
Mata pita tum suami, meet sakha mere |
Meri birad sambharo, duar pada mai tere ||
Ajar-amar shree parsuram ki arti jo gave |
‘om’ shiv saakhi, sukh sammpati pave ||
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