यह अद्बुध हरी भजन “पार लगावो भव से हरि मोहे लिरिक्स | Paar Lagawo Bhav Se Hari Mohe Lyrics” Sant Shri Asharamji Bapu का है। इस भजन में हरी भक्त भगवन विष्णु के एक बार दर्शन की अभिलाषा व्यक्त कर रहे है।
Paar Lagawo Bhav Se Hari Mohe Lyrics
हरि मोहे पार लगावो
पार लगावो भव से हरि मोहे
हरि मोहे पार लगावो
पार लगावो भव से…..
चंचल चित मोरा उड़त फिरत है
बाँधन चाहूँ नाहि बँधत है
हो साँई हो साँई,
मोरा जियरा छुड़ावो भव से
पार लगावो….
भाँति भाँति की रस्सी बनाकर
बाँधा इन्द्रियों ने भरमाकर
हो साँई हो साँई
मेरा बंधन काँटो भव से
पार लगावो…
तुम सच्चे गुरु समरथ स्वामी
मैँ मूरख कामी अज्ञानी
हो साँई….हो साँई….
मोहे डूबता उबारो भव से
पार लगावो….
हमें उम्मीद है की भगवान विष्णु के भक्तो को यह आर्टिकल “पार लगावो भव से हरि मोहे लिरिक्स | Paar Lagawo Bhav Se Hari Mohe Lyrics” + Video + Audio बहुत पसंद आया होगा। आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये। आप अपनी फरमाइश भी हमे कमेंट करके बता सकते है। हम वो भजन, आरती आदि जल्द से जल्द लाने को कोशिश करेंगे।
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