दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति सिया राम की | Dil Ne Dil Bharke Na Dekhi Murti Siya Ram Ki

दिल ने दिल भरके ना देखी मूर्ति सिया राम की,
याद आती है कलेजे में मेरे भगवान की,
दिल ने दिल भरके ना देखी…..

प्रेम हो तो ऐसा हो जैसा किया मीराबाई ने,
बनके जोगन चल पड़ी ले माला हरि के नाम की,
दिल ने दिल भरके ना देखी…..

भक्ति हो तो ऐसी हो जैसी करी हनुमान ने,
फाड़कर छाती दिखा दी मूर्ति सिया राम की,
दिल ने दिल भरके ना देखी…..

फोड़ कर आंखें यू बोले बिलवा मंगल सूरदास,
जिनमें छवि हरि कि नहीं वह आंख हैं किस काम की,
दिल ने दिल भरके ना देखी…..

तुझको तुझसे मांगती हूं देना हो तो दे मुझे,
दुनिया की धन और यह दौलत है मेरे किस काम की,
दिल ने दिल भरके ना देखी…..

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