यह अद्बुध हरी भजन “नाम हरि का जपले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा लिरिक्स | Naam Hari Ka Japle Bande Phir Piche Pachtaayega Lyrics” राजेन्द्र प्रसाद सोनी जी का है। इस भजन में हरी भक्त भगवन विष्णु के एक बार दर्शन की अभिलाषा व्यक्त कर रहे है।
नाम हरि का जपले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा लिरिक्स
।। नाम हरी का जप ले बन्दे, फिर पीछे पछतायेगा ।।
तू कहता है मेरी काया, काया का गुमान क्या ।
चाँद सा सुन्दर यह तन, तेरा मिटटी में मिल जाएगा ।।
फिर पीछे पछतायेगा…
बालपन में खेला खाया, आया जवानी मस्त रहा ।
बूडापन में रोग सताए, खाट पड़ा पछतायेगा ।।
वहां से क्या तू लाया बन्दे, यहाँ से क्या ले जाएगा ।
मुठ्ठी बाँध के आया जग में, हाथ पसारे जाएगा ।।
जपना है सो जपले बन्दे, आखिर तो मिट जाएगा ।
कहत कबीर सुनो भाई साधो, करनी का फल पायेगा ।।
Naam Hari Ka Japle Bande Phir Piche Pachtaayega Lyrics
Naam Hari Ka Japle Bande ।
Phir Pache Pachtayega ।।
Tu Kehta Hai Meri Kaya,
Kaya Ka Gumaan Kya ।
Chand Sa Sundar Tan,
Yah Mitti Me Mil Jayega ।।
Phir Pache Pachtayega…
Baalpan Me Khela Khaya,
Aaya Jawani Mast Raha ।
Budhapan Me Rog Sataye,
Khaat Pada Pachyaega ।।
Waha Se Kya Tu Laaya Bande,
Yaha Se Kya Le Jayega ।
Mutthi Bandh Ke Aaya Jag Me,
Haath Pasare Jayega ।।
Japna Hai So Japle Bande,
Aakhir To Mit Jayega ।
Kahat Kabir Suno Bhai Sadho,
Karni Ka Fal Payega ।।
हमें उम्मीद है की भगवान विष्णु के भक्तो को यह आर्टिकल “नाम हरि का जपले बन्दे फिर पीछे पछतायेगा लिरिक्स | Naam Hari Ka Japle Bande Phir Piche Pachtaayega Lyrics” + Video + Audio बहुत पसंद आया होगा। Naam Hari Ka Japle Bande Phir Piche Pachtaayega भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये। आप अपनी फरमाइश भी हमे कमेंट करके बता सकते है। हम वो भजन, आरती आदि जल्द से जल्द लाने को कोशिश करेंगे।
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