मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का अति पावन भजन “ना जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते है लिरिक्स | Naa Jaane Kaun Se Gun Par Lyrics” – पुजाय रजन जी महाराज के द्वारा गाया गया है। इस भजन में राम भक्ति की महिमा का बखान किया गया है।
Naa Jaane Kaun Se Gun Par Lyrics
श्लोक
प्रबल प्रेम के पाले पड़कर,
प्रभु को नियम बदलते देखा,
अपना मान टले टल जाये,
पर भक्त का मान ना टलते देखा।
ना जाने कौन सें गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते है,
यही हरि भक्त कहते है,
यही सदग्रंथ गाते है।।
नही स्वीकार करते है,
निमंत्रण नृप दुर्योधन का,
विदुर के घर पहुंचकर,
भोग छिलको का लगाते है।
ना जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते है,
यही हरि भक्त कहते है,
यही सदग्रंथ गाते है।।
ना आये मधुपुरी से गोपियो की,
दुख व्यथा सुनकर,
द्रोपदी के बुलाने पर,
द्वारिका से दौड़े आते है,
न जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते है,
यही हरि भक्त कहते है,
यही सदग्रंथ गाते है।।
न रोये बन गमन सुनकर,
पिता की वेदनाओ पर,
लिटाकर गिद्ध को निज गोद,
में आंसू बहाते है,
न जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते है,
यही हरि भक्त कहते है,
यही सदग्रंथ गाते है।।
कठिनता से चरण धोकर,
मिले जो ‘बिन्दु’ विधि हर को,
वो चरणोदक स्वयं जाकर,
केवट के घर लुटाते है,
न जाने कौन से गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते है,
यही हरि भक्त कहते है,
यही सदग्रंथ गाते है।।
ना जाने कौन सें गुण पर,
दयानिधि रीझ जाते है,
यही हरि भक्त कहते है,
यही सदग्रंथ गाते है।।
हमें उम्मीद है की श्री राम के भक्तो को यह आर्टिकल “ना जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते है लिरिक्स | Naa Jaane Kaun Se Gun Par Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। ‘ Naa Jaane Kaun Se Gun Par Lyrics ‘ भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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