गणेशोत्सव : Ganeshotsav (जानें कैसे मनाते हैं भारत में)

Ganeshotsav, जिसे गणेश चतुर्थी और अनंत चतुर्दशी के मध्य में मनाया जाता है, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण उत्सव है। यह उत्सव ज्ञान, धन और कल्याण के देवता, श्री गणेश की पूजा में होता है। मोदक, जो श्री गणेश का प्रिय भोजन है, इस अवसर पर विशेष रूप से तैयार किया जाता है।

Ganeshotsav

गणेशोत्सव के दिन क्या होता है?

इस वर्ष, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन श्री गणेश की मूर्तियों का घरों और पंडालों में स्थापना की जाती है। 10 दिन बाद, जिसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है, भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” के नारे साथ, भक्त उनके विदाई में भाग लेते हैं।

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Step 1: स्थापना : पहले एक लकड़ी की थाली पर लाल या पीला कपड़ा बिछा कर उस पर स्वास्तिक बनाएं। मूर्ति को एक गमले में अक्षत और फूलों के साथ रखें।

Step 2: पूजा और भोग : मूर्ति की विधिवत पूजा करें। फल, फूल और मोदक का भोग लगाएं।

Step 3: सामग्री का विसर्जन : गणपति की मूर्ति के साथ, पूजा से संबंधित सामग्री को भी विसर्जित करें।

Step 4: क्षमा और आगामी वर्ष की कामना : क्षमा मांगकर और अगले वर्ष आने की प्रार्थना करें।

Step 5: मुहूर्त और विधि : पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त में ही विसर्जन करें। राहुकाल में विसर्जन नहीं करना चाहिए।

महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कई अन्य राज्यों में इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। कुछ उत्तर भारतीय राज्यों में भी इसे मनाया जाता है, लेकिन वहाँ इसे विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

इस उत्सव में विभिन्न प्रकार की जानकारी के बारे में जानने के लिए हमसे जुड़े रहें। जय गणेश!

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