कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले लिरिक्स | Itna To Karna Swami Jab Praan Tan Se Nikle Lyrics” अनूप जलोटा जी का गाया हुआ है। इस भजन में बताया गया है की भक्तो को श्याम की सभी बाते कितनी प्यारी लगती है।
Itna To Karna Swami Jab Praan Tan Se Nikle Lyrics
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले – २
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से निकले
श्री गंगा जी का तट हो,
यमुना का वंशीवट हो
मेरा सांवरा निकट हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
पीताम्बरी कसी हो
छवि मन में यह बसी हो
होठों पे कुछ हसी हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
श्री वृन्दावन का स्थल हो
मेरे मुख में तुलसी दल हो
विष्णु चरण का जल हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
जब कंठ प्राण आवे
कोई रोग ना सतावे
यम दर्शना दिखावे
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
उस वक़्त जल्दी आना
नहीं श्याम भूल जाना
राधा को साथ लाना
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
सुधि होवे नाही तन की
तैयारी हो गमन की
लकड़ी हो ब्रज के वन की
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
एक भक्त की है अर्जी
खुदगर्ज की है गरजी
आगे तुम्हारी मर्जी
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
ये नेक सी अरज है
मानो तो क्या हरज है
कुछ आप का फरज है
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले

हमें उम्मीद है की श्री कृष्ण के भक्तो को यह आर्टिकल “इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले लिरिक्स | Itna To Karna Swami Jab Praan Tan Se Nikle Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले लिरिक्स | Itna To Karna Swami Jab Praan Tan Se Nikle Lyrics” भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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