पवन पुत्र हनुमान जी का अति पावन भजन “हे संकट मोचन करते है बंधन लिरिक्स | He Sankat Mochan Karte Hai Bandhan Lyrics” – राजू मेहरा जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी की राम भक्ति बताया गया है।
हे संकट मोचन करते है बंधन लिरिक्स
हे संकट मोचन करते है बंधन,
तुमरे बिना संकट कौन हरे ।
सालासर वाले तुम हो रखवाले,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ।।
सिवा तेरे न दूजा हमारा,
तू ही आ कर के देता सहारा ।
जो भी बिपदा आये पल में मिट जाये,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ।।
तूने रघु वर के दुखड़ो को ताला,
हर मसुबत से उनको निकाला ।
रघुवर के प्यारे आँखों के तारे,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ।।
अपने भगतो के दुखड़े मिटाते,
हर्ष आफत से हम को बचा ते ।
किरपा यु रखना थामे तू रखना,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ।।
He Sankat Mochan Karte Hai Bandhan Lyrics
He Sankat Mochan Karate He Vandan,
Tere Bina Sankat Kaun Hare ।
Salasar Vaale Tum Ho Rakhavale,
Tere Bina Sankat Kaun Hare ।।
Siva Tere Na,Dooja Hamara,
Too Hee Akar Ke Deta Sahara ।
Jo Vipada Aave, Pal Men Mit Jaave,
Tere Bina Sankat Kaun Hare ।।
Tune Raghuvar Ke Dukhado Ko Taala,
Har Museebat Se, Unako Nikaala ।
Raghuvar Ke Pyaare Aankhon Ke Taare,
Tere Bina Sankat Kaun Hare ।।
Apane Bhakto Ke Dukhada़E Mitaaye,
Harsh Aaphat Se Hamako Bachaye ।
Kirapa Yu Rakhana Thaame Too Rakhana,
Tere Bina Sankat Kaun Hare ।।
He Sankat Mochan Lyrics PDF
हमें उम्मीद है की श्री राम के भक्त हनुमान जी ये भजन का यह आर्टिकल “हे संकट मोचन करते है बंधन लिरिक्स | He Sankat Mochan Karte Hai Bandhan Lyrics” + Video + Audio बहुत पसंद आया होगा। “He Sankat Mochan Karte Hai Bandhan Lyrics” भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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