भगवान गणेश को प्रसन्न करने वाली और भक्तो के कष्टों का निदान करने वाली आरती घालीन लोटांगण वंदीन चरण लिरिक्स | Aarti Ghalin Lotangan Vandin Charnan Lyrics है। इस आरती में गणेश जी का अपने कारज में आमंत्रित किया जा रहा और उन्हें प्रसन्न किया जा रहा है।
आरती घालीन लोटांगण वंदीन चरण लिरिक्स
Aarti Ghalin Lotangan Vandin Charnan Lyrics
घालीन लोटांगण, वंदीन चरण ।
डोळ्यांनी पाहीन रुप तुझें ।
प्रेमें आलिंगन, आनंदे पूजिन ।
भावें ओवाळीन म्हणे नामा ।।1।।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
त्वमेव बंधुक्ष्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विध्या द्रविणं त्वमेव ।
त्वमेव सर्वं मम देवदेव।।2।।
कायेन वाचा मनसेंद्रीयेव्रा,
बुद्धयात्मना वा प्रकृतिस्वभावात ।
करोमि यध्य्त सकलं परस्मे,
नारायणायेति समर्पयामि ।।3।।
अच्युतं केशवं रामनारायणं
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं,
जानकीनायकं रामचंद्र भजे ।।4।।
हरे राम हर राम, राम राम हरे हरे ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हमें उम्मीद है की गणेश जी के भक्तो को यह आर्टिकल आरती घालीन लोटांगण वंदीन चरण लिरिक्स | Aarti Ghalin Lotangan Vandin Charnan Lyrics + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। आरती घालीन लोटांगण वंदीन चरण लिरिक्स के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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