काम चले ना चाँदी से, काम चले ना सोने से,
अब तो काम चले मेरा बाबा का दर्शन होने से॥
श्याम तेरे दर्शन का क्या पैसा लागे,
तेरे को देदुँगा जो भी तू माँगे,
काम चले ना हँसने से काम चले ना रोने से,
अब तो काम चले मेरा….
ईतना बता तुझे कैसे रिझाऊँ,
रस्ता बता उस रस्ते से आऊँ,
काम चले ना लेने से काम चले ना देने से,
अब तो काम चले मेरा….
कोई तो होगा तेरा ठिकाना,
“बनवारी” मुझकों पता बताना,
काम चले ना जीने से काम चले ना मरने से,
अब तो काम चले मेरा…..