ब्रह्मा जी की आरती “Bhrama ji ki Aarti | ब्रह्मा जी की आरती” Mukesh ji के द्वारा गायी हुई है। ब्रह्मा जी अपने भक्तो पर हमेसा कृपा बनाये रखती है। ब्रह्मा जी को परमपिता भी कहा जाता है।
Bhrama ji ki Aarti
ब्रह्मा जी की आरती
पितु मातु सहायक स्वामी सखा,
तुम ही एक नाथ हमारे हो।
जिनके कछु और आधार नहीं,
तिनके तुम ही रखवारे हो।
सब भाँति सदा सुखदायक हो,
दुःख निर्गुण नाशन हारे हो।
प्रतिपाल करो सिगरे जग को,
अतिशय करुणा उर धारे हो।
भुलि हैं हम तो तुमको,
तुम तो हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो।
उपकारन को कछु अन्त नहीं,
छिन ही छिन जो विस्तारे हो।
महाराज महान महिमा तुम्हरी,
मुझसे वाले बुधवारे हो।
शुभ शान्ति निकेतन प्रेम निधि,
मन मन्दिर के उजियारे हो।
इस जीवन के तुम जीवन हो,
इन प्राणन के तुम प्यारे हो।
तुम सों प्रभु पाय प्रताप हरि,
केहि के अब और सहारे हो।
Bhrama ji ki Aarti Lyrics
pitu matu sahayak swami sakha
tum hi ek nnaath hamare ho
jinke kuch aur aadhar ho
tinke tum hi rakhware ho
sab bathi sadda sukhdayak ho
dukh nirgun naashan haare ho
pratipal karo sigre jag ko
atishay karuna ur dhare ho
bhuli hai hum to tumko
tum ho hamri sudhi naahi bisare ho
upkaaran ko kachu anant nahi
chhin hi chhin jo vistaare ho
maharaj mahaan mahima tumhari
mujhse wale budhware ho
shubh shanti niketan prem nidhi
man mandir ke ujiware ho
is jeevan ke tum jeevan ho
in praan ke tum pyare ho
tum so prabhu pay prataap hari
kehi ke ab aur sahare ho
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