Sanson Ka Kya Bharosa Lyrics
साँसो का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते
जीवन की है जो ज्योति
बुझ जाए जलते जलते
साँसो का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते
जीवन है चार दिन का
दो दिन की है जवानी
जब आएगा बुढ़ापा
थक जाए चलते चलते
साँसो का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते
समझा ना तू इशारा
समझा ना खेल इसका
क्यों तेरी बात बिगड़ी
क्यों तेरी बात बिगड़ी
हर बार बनते बनते
हर बार बनते बनते
साँसो का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते
तेरे साथ जाए एक दिन
तेरे कर्मो की कमाई
गए जग से बादशाह भी
यूँ ही हाथ मलते मलते
साँसो का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते
अब तक किया ना तूने
अब तो हरी सुमिर ले
कह रही है जिंदगी की
ये शाम ढ़लते ढलते
साँसो का क्या भरोसा
रुक जाए चलते चलते