प्रेम का धागा तुमसे बांधा लिरिक्स | Prem Ka Dhaga Tumse Bandha Lyric

कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “प्रेम का धागा तुमसे बांधा लिरिक्स | Prem Ka Dhaga Tumse Bandha Lyric” शीतल पांडेय जी के द्वारा गाया हुआ है। भजन के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में वीडियो के साथ दिए हुए है।


Prem Ka Dhaga Tumse Bandha Lyric

प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना

ना धन दौलत ना ही शोहरत और ना कोई खजाना,
दिल यह चाहे लगा रहे बस दर पे आना जाना ।
तार जुड़े जो दर से अब वो टूटे ना,
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना ।।

मोह के बंधन छूट गए सब जब से जुड़ा हूं तुमसे,
अब तो मिलता है हर गम भी मुस्कुरा के मुझसे ।
थामे रहना हाथ कभी ये छूटे ना,
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना ।।

समझ के मुझको अपना तूने पकड़ी मेरी कलाई,
हर रस्ता आसान हुआ फिर बना जो तू हमराही ।
जीवन पथ पर साथ तुम्हारा छूटे ना,
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना ।।

सोनू को बस यही शिकायत तुमसे यही गिला है,
इतनी देर से क्यों मेरे बाबा दरबार मिला है ।
अब यह सिलसिला जन्मो जन्म तक टूटे ना,
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना ।।

प्रेम का धागा तुमसे बांधा ये टूटे ना ।
चाहे सब रूठे मेरे बाबा तू रूठे ना ।।

Prem Ka Dhaga Tumse Bandha Lyric

Prem Ka Dhaga Tumse Bandha Lyric PDF


हमें उम्मीद है की श्री कृष्ण के भक्तो को यह आर्टिकल “प्रेम का धागा तुमसे बांधा लिरिक्स | Prem Ka Dhaga Tumse Bandha Lyric” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “Prem Ka Dhaga Tumse Bandha Lyric” भजन के आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।

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