के तू ही मेनू रब दिसदा लिरिक्स | Kiven Mukhre Ton Nazran Hatawan Lyrics

गुरुदेव भजन “के तू ही मेनू रब दिसदा लिरिक्स | Kiven Mukhre Ton Nazran Hatawan Lyrics” – मालती शर्मा जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में गुरु की भक्ति की महिमा का बखान किया गया है।


Kiven Mukhre Ton Nazran Hatawan Lyrics

किवे मुखड़े तो नज़र ह्टावा के तू ही मेनू रब दिसदा,
दिल करदा है के देखदी ही  जावा के तू ही मेनू रब दिसदा,
तेरा हर पल शुकर मनावा के तू ही मेनू रब दिसदा,

मैं हां तेरे चरणा दी दासी,
जनम जन्म दी मैं हां प्यासी,
करो किरपा ते मैं भी तर जावा के तेरे विच रब दिसदा,

तू मेरा हॉवे मैं तेरी होवा,
तेरी मस्ती दे विच खोवा,
तेनु पलका दे अंदर छुपावा,
के तू ही मेनू रब दिसदा….

अपने रंग विच रंगा सतगुरु,
नज़र मेहर दी रखना सतगुरु,
तेरे दर ते मैं झोली फेलाव,
के तू ही मेनू रब दिसदा…..

तू मेरा प्रीतम मैं तेरी दासी,
कटना जन्म जन्म दी फ़ासी,
तेरे चरना च शीश झूकावा,
के तू ही मेनू रब दिसदा।


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