हिन्द देश के निवासी कविता | Hind Desh Ke Niwasi Lyrics

देशभक्ति गीत “हिन्द देश के निवासी लिरिक्स | Hind Desh Ke Niwasi Lyrics” पंडित विनयचन्द्र मौद्गल्य जी के द्वारा गाया हुआ है। इस देशभक्ति गीत के लिरिक्स, वीडियो और PDF के साथ निचे दिए गए है।


हिन्द देश के निवासी लिरिक्स

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं,
हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं।।

बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली,
प्यारे प्यारे फूल गूंथे माला में एक हैं,
हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं।।

कोयल की कूक न्यारी पपीहे की टेर प्यारी,
गा रही तराना बुलबुल राग मगर एक है,
हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं।।

गंगा यमुना ब्रह्मपुत्र कृष्णा कावेरी,
जाके मिल गयी सागर में हुई सब एक हैं,
हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं।।

हिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं,
हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं,
रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं।।

  • यह कल कल छल छल बहती
  • सरहद तुझे प्रणाम
  • हम लाये है तूफ़ान से
  • भारत की बेटी
  • लेके तिरंगा करे कमाल

  • Hind Desh Ke Niwasi Lyrics

    Hind Desh Ke Niwasi
    Sabhi Jan Ek Hai
    Rang Roop Vesh Bhasha
    Sabhi Jan Ek Hai

    Hind Desh Ke Niwasi
    Sabhi Jan Ek Hai
    Rang Roop Vesh Bhasha
    Chahe Anek Hai

    Bela Gulaab Juhi
    Champa Chameli
    Pyare Pyare Phool Guthe
    Mala Me Ek Hai

    Hind Desh Ke Niwasi
    Sabhi Jan Ek Hai
    Rang Roop Besh Bhasha
    Chahe Anek Hai

    Koyal Ki Kook Nyari
    Papihe Ki Ter Pyari
    Gaa Rahi Tarana Bulbul
    Raag Magar Ek Hai

    Hind Desh Ke Niwasi
    Sabhi Jan Ek Hai
    Rang Roop Vesh Bhasha
    Chahe Anek Hai

    Ganga Yamuna Bramputra
    Krishna Kaaveri
    Jaake Mil Gayi Sagar Me
    Hui Sab Ek Hai

    Hind Desh Ke Niwasi
    Sabhi Jan Ek Hai
    Rang Roop Vesh Bhasha
    Chahe Anek Hai

    Hind Desh Ke Niwasi
    Sabhi Jan Ek Hai
    Rang Roop Vesh Bhasha
    Chahe Anek Hai

    Hind Desh Ke Niwasi
    Sabhi Jan Ek Hai
    Rang Roop Vesh Bhasha
    Chahe Anek Hai

  • जान रहे ना रहे देश ज़िंदा रहे
  • सौगंध राम की खाते है
  • दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए
  • क़दम क़दम बढ़ाये जा
  • नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है
  • Hind Desh Ke Niwasi Lyrics

    हिंद देश के निवासी कविता Pdf

    हिंद देश के निवासी के गीतकार कौन है ?

    पंडित विनयचन्द्र मौद्गल्य जी

    हिन्द देश के निवासी कविता के लेखक कौन है ?

    पंडित विनयचन्द्र मौद्गल्य जी, हिन्द देश के निवासी के लेखक कौन है.


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    हिंद देश के निवासी के लेखक कौन हैं ?

    इसके लेखक पंडित विनयचन्द्र मौद्गल्य है।

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