Dukhave Mat Dil Maa Ka Lyrics
दुखावै मत दिल माँ का माँ तेरी यमुना गंगा
माँ की सेवा तै ना जगत में काम कोए भी चंगा
दुखावै मत दिल माँ का माँ तेरी यमुना गंगा
माँ की सेवा तै ना जगत में काम कोए भी चंगा
के फैदा पूण दान करण का माँ जै भूखी प्यासी
मीठा बोलणा कर दे पल में माँ की दूर उदासी
जिस रस्ते माँ कहै चालिये रस्ता छोड़ बेढंगा
दुखावै मत दिल माँ का माँ तेरी यमुना गंगा
रामचंद्र ने कैकई माँ का एकदम हुकम पुगाया
बण में घलाया बण में गया था स्यामि नहीं लख्या
माँ की आज्ञा थी सर माथे नहीं करा कोई पंगा
दुखावै मत दिल माँ का माँ तेरी यमुना गंगा
श्रवण ने तो मात पिता जी तीर्थ धाम घुमाये
मिश्री कैसी बोली वाणी ना कटु बोल सुनाये
मात पिता का पेट भरो चाहे बना हो भिखमंगा
दुखावै मत दिल माँ का माँ तेरी यमुना गंगा
कमल सिंह वो धन धन जननी जिसने जगत दिखाया
माँ का कर्जा सारी जिंदगी जा ना कदे चुकाया
बेटे के हवा लागण दे ना चाहे रहे सर नंगा
दुखावै मत दिल माँ का माँ तेरी यमुना गंगा