कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ लिरिक्स | Sakhi Ri Banke Bihaari Se Hamari Lad Gayi Akhiaan Lyrics” निकुंज कामरा जी का गाया हुआ है। इस भजन में बनवारी से प्रार्थना की गयी है की हमे अपनी शरण में लेलो और हमे कृतघ्न करदो।
सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ लिरिक्स
सखी री बांके बिहारी से,
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन,
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥
ना जाने क्या किया जादू,
यह तकती रह गयी अखियाँ ।
चमकती हाय बरछी सी,
कलेजे गड़ गयी आखियाँ ॥
चहू दिश रस भरी चितवन,
मेरी आखों में लाते हो ।
कहो कैसे कहाँ जाऊं,
यह पीछे पद गयी अखियाँ ॥
भले तन से निकले प्राण,
मगर यह छवि ना निकलेगी ।
अँधेरे मन के मंदिर में,
मणि सी गड़ गयी अखियाँ ॥
Sakhi Ri Banke Bihaari Se Hamari Lad Gayi Akhiaan Lyrics
Sakhi Ri Banke Bihari Se,
Humari Lad Gayi Aankhiya ।
Bachai Thi Bahut Lekin,
Nigodi Lad Gayi Aankhiya ।।
Naa Jane Kya Kiya Jadu,
Yah Takti Rah Gayi Ankhiya ।
Chamakti Haay Barchi Si,
Kaleje Gad Gayi Ankhiya ।।
Cahu Dish Ras Bhari Chitwan,
Meri Aankho Me Late Ho ।
Kaho Kaise Kaha Jau,
Yah Piche Pad Gayi Ankhiya ।।
Bhale Tan Se Nikle Praan,
Magar Yah Chhavi Na Niklegi ।
Andhere Man Ke Mandir Me,
Mani Si Gad Gayi Ankhiya ।।
हमें उम्मीद है की श्री कृष्ण के भक्तो को यह आर्टिकल “सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियाँ लिरिक्स | Sakhi Ri Banke Bihaari Se Hamari Lad Gayi Akhiaan Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “Sakhi Ri Banke Bihaari Se Hamari Lad Gayi Akhiaan Lyrics” भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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