कुछ पल की ज़िन्दगानी इक रोज़ सबको जाना भजन लिरिक्स | Kuch Pal Ki Jindagani Ek Roj Sabko Jaana Hai Lyrics

कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “कुछ पल की ज़िन्दगानी इक रोज़ सबको जाना भजन लिरिक्स | Kuch Pal Ki Jindagani Ek Roj Sabko Jaana Hai Lyrics” मोहन श्याम जी के द्वारा गाया हुआ है। भजन के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में वीडियो के साथ दिए हुए है।


Kuch Pal Ki Jindagani Ek Roj Sabko Jaana Hai Lyrics

कुछ पल की ज़िन्दगानी,
इक रोज़ सबको जाना,
बरसों की तु क्यू सोचे,
पल का नही ठिकाना॥

कुछ पल की ज़िन्दगानी,
इक रोज़ सबको जाना,
बरसों की तु क्यू सोचे,
पल का नही ठिकाना॥

मल मल के तुने अपने,
तन को जो है निखारा,
इत्रो की खुशबुओं से,
महके शरीर सारा।
काया ना साथ होगी,
ये बात ना भुलाना,
बरसों की तु क्यू सोचे,
पल का नही ठिकाना॥

मन है हरी का दर्पण,
मन मे इसे बसा ले,
करके तु कर्म अच्छे,
कुछ पुण्य धन कमा ले,
कर दान और धर्म तु,
प्रभु को गर है पाना,
बरसों की तु क्यू सोचे,
पल का नही ठिकाना॥

आयेगी वो घड़ी जब,
कोई भी ना साथ होगा,
कर्मों का तेरे सारे,
इक इक हिसाब होगा,
ये सौच ले अभी तु फ़िर,
वक़्त ये न आना,
बरसों की तु क्यू सोचे,
पल का नही ठिकाना॥

कोई नही है तेरा,
क्यू करता मेरा मेरा,
खुल जाये नींद जब ही,
समझो वही सबेरा,
हर भोर की किरण संग,
हरी का भजन है गाना,
बरसों की तु क्यू सोचे,
पल का नही ठिकाना॥

कुछ पल की ज़िन्दगानी,
इक रोज़ सबको जाना,
बरसों की तु क्यू सोचे,
पल का नही ठिकाना॥


हमें उम्मीद है की श्री कृष्ण के भक्तो को यह आर्टिकल “कुछ पल की ज़िन्दगानी इक रोज़ सबको जाना भजन लिरिक्स | Kuch Pal Ki Jindagani Ek Roj Sabko Jaana Hai Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “Kuch Pal Ki Jindagani Ek Roj Sabko Jaana Hai Lyrics” भजन के आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।

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