मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का अति पावन भजन “जननी मैं ना जियु बिन राम लिरिक्स | Janani Main Na Jiyun Bin Ram Lyrics” – साजन मिश्रा जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में राम भक्ति की महिमा का बखान किया गया है।
Janani Main Na Jiyun Bin Ram Lyrics
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये (गमन) ।
(पिता) राउ गये सुर धाम,
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम ।।
कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि,
बसिये ना वाके ग्राम ।
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये ।।
प्रात भये हम ही वन जैहैं,
अवध नहीं कछु काम ।
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये ।।
तुलसी भरत प्रेम की महिमा,
रटत निरंतर नाम ।
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये ।।
राम लखन सिया वन को सिधाए,
राउ गये सुर धाम ।
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये ।।
कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि,
बसिये ना वाके ग्राम ।
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये ।।
प्रात भये हम ही वन जैहैं,
अवध नहीं कछु काम ।
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये ।।
तुलसी भरत प्रेम की महिमा,
रटत निरंतर नाम ।
जननी मैं ना जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये ।।
Janani Main Na Jiyun Bin Ram Lyrics PDF
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