Jake Gati Hai Hanuman Ki Lyrics


Jake Gati Hai Hanuman Ki Lyrics

जाकी गति है हनुमान की
ताके मन मह बसत हैं,
श्री राम लखन अरु जानकी ।।

हनुमत कृपा तुम्हारी होवे,
फिकर नहीं यमबान की ।।

मेरे उर के बंधन काटे,
रक्षा की निजमान की ।।

भवसागर में उलझी तूने,
हर मुश्किल आसान की ।।

सच्चा मय हो जीवन सारा,
दो शक्ति गुणगान की ।।

मेरे भीतर रमे राम की,
तुनें ही पहचान की ।।

मैं तेरी बहना तू मेरा दादा ,
लाज रखो इस आन की ।।

जाकी गति है हनुमान की
ताके मन मह बसत हैं,
श्री राम लखन अरु जानकी ।।

httpsyoutu.beXOtUhjlKiqc

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