भगवान गणेश “जय गणपति दुविधा हटी लिरिक्स | Jai Ganpati Duvidha Hati Lyrics” श्यामसाजन जी के द्वारा गाया हुआ है। इस भजन में गणेश जी का अपने कारज में आमंत्रित किया जा रहा और उन्हें प्रसन्न किया जा रहा है।
Jai Ganpati Duvidha Hati Lyrics
जय गणपति दुविधा हटी,
जो तुमको किया प्रणाम ।
नाम जो ले तेरा सबसे पहले,
पूर्ण करना काम ।।
जय गणपति दुविधा हटी..हो….. ।।
रिद्धि सिद्धि के तुम दाता,
प्रथमे तुम्हें मनाएं हम ।
विघ्न हरण है सुखदाता,
सब सुख तुम्ही से पाए हम ।।
देवी देव मनाए तुमको ।
हम बालक अनजान ।।
जय गणपति दुविधा हटी..हो….. ।।
मिटते शक्ल क्लेश ही,
नाम गजानन ध्याने से ।
काम सफल हो जाते सारे,
गौरी लाल मनाने से ।।
अच्छा होता है गणपति ।
जपने का अंजाम ।।
जय गणपति दुविधा हटी..हो…. ।।
तीनो लोक के स्वामी हो,
मूषक बना सहायक है ।
नाम अनेकों प्रभु तेरे,
वक्रतुंड गणनायक है ।।
कर लो अब स्वीकार विनायक,
करता श्याम प्रणाम ।
जय गणपति दुविधा हटी,
जो तुमको किया प्रणाम ।।
नाम जो ले तेरा सबसे पहले ।
पूर्ण करना काम ।।
जय गणपति दुविधा हटी..हो….. ।।
हमें उम्मीद है की गणेश जी के भक्तो को यह आर्टिकल “जय गणपति दुविधा हटी लिरिक्स | Jai Ganpati Duvidha Hati Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “Jai Ganpati Duvidha Hati Lyrics” के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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