यहाँ किसको कहे अपना लिरिक्स | Yaha Kisko Kahe Apna Lyrics

श्याम बाबा का एक अद्बुध भजन “यहाँ किसको कहे अपना लिरिक्स | Yaha Kisko Kahe Apna Lyrics” नीरज अवस्थी जी के द्वारा गाया हुआ है। इनकी भक्ति से श्याम जी की कृपा बनी रहती है। बाबा श्याम अपने भक्तो पर अपना आशीर्वाद बनाये रखते है।


Yaha Kisko Kahe Apna Lyrics

यहाँ किस को कहे अपना,
सभी कहने को अपने है…
जब परखा जरूरत पे,
लगा अपने बस सपने है,
यहाँ किस को कहे अपना…

जिनको है अपना समझ-समझ कर,
सब कुछ अपना खोया,
इस जीवन में उनकी वजह से बस रोया ही रोया,
अपनों के भरोसे पे सिर्फ अरमा ही मचलने है,
जब परखा जरूरत पे….

अर्थ बिना कोई अर्थ नही है,
अर्थ अनर्थ कराता,
अर्थ की नियति है भाई से भाई को लड़वाता,
थोड़े से स्वार्थ में तो निज में बैर पनपता है,
जब परखा जरूरत पे….

श्याम ही नैया श्याम खिवैया,
श्याम ही पालनहारा,
जिसकी नैया श्याम भरोसे मिलता उसे किनारा,
“संजू” अजमाकर देख सिर्फ बाबा ही अपने है,
जब परखा जरूरत पे….


हमें उम्मीद है की श्याम जी के भक्तो को यह आर्टिकल “यहाँ किसको कहे अपना लिरिक्स | Yaha Kisko Kahe Apna Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “यहाँ किसको कहे अपना लिरिक्स | Yaha Kisko Kahe Apna Lyrics” भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये। आप अपनी फरमाइश भी हमे कमेंट करके बता सकते है। हम वो भजन, आरती आदि जल्द से जल्द लाने को कोशिश करेंगे।

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