भगवान गणेश “विनायक मेरी अरज सुनो लिरिक्स | Vinayak Meri Araj Suno Lyrics” गणेश पाठक जी के द्वारा गाया हुआ है। इस भजन में गणेश जी का अपने कारज में आमंत्रित किया जा रहा और उन्हें प्रसन्न किया जा रहा है।
Vinayak Meri Araj Suno Lyrics
गौरी सूत शंकर लाल,
विनायक मेरी अरज सुनो,
बैठा भागवत महा पूराण,
विनायक मेरी अरज सुनो ।
गौरी सुत शंकर लाल,
विनायक मेरी अरज सुनो ।।
सब देवन मे आप बड़े हो,
तुमको प्रथम मनावे,
घर मे गणपति सदा बिराजे,
कारज शुभ करावे ।
संग रिद्धि सिद्धि आओ आज,
विनायक मेरी अरज सुनो,
गौरी सुत शंकर लाल,
विनायक मेरी अरज सुनो ।।
मेवा फल मोदक और लड्डू,
जिनको भोग लगवे,
सखी सहेली मिल करके,
सब मंगल आरती गावे ।
देव मिलकर चवर दुलावे,
विनायक मेरी अरज सुनो,
गौरी सुत शंकर लाल,
विनायक मेरी अरज सुनो ।।
ब्रह्मा विष्णु शंकर भी है,
जिनके गुण को गाते,
महिमा का वर्णन तो,
देवी देव मुनि ना पाते ।
सब मिलकर शीश झुकावे,
विनायक मेरी अरज सुनो,
गौरी सुत शंकर लाल,
विनायक मेरी अरज सुनो ।।
हमें उम्मीद है की गणेश जी के भक्तो को यह आर्टिकल “विनायक मेरी अरज सुनो लिरिक्स | Vinayak Meri Araj Suno Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “ Vinayak Meri Araj Suno Lyrics ” के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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