कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “Sagar tat par bait akela | सागर तट पर बैठ अकेला” अनूप जलोटा का गाया हुआ है। इस भजन में श्री कृष्ण का उनके भक्त सागर तट पर बैठकर उनके नाम का जाप करते हुए उनसे दर्शन की अभिलाषा व्यक्त कर रहे है।
सागर तट पर बैठ अकेला
सागर तट पर बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
सागर तट पर बैट अकेला रे
सागर तट पर बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
करता पल पल तेरा वंदन
युग युग का प्यासा मेरा मान
करले अब स्वीकार मुरारी
तू ये मेरा प्रणाम
कब आएगा तू गिरिधारी डेरे हुई घनश्याम
सागर तट पर बैट अकेला रे
सागर तट पर बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
चारो ओर गिरे अंधियारा
नाथ ना अपना एक सहारा
सुधि पतवर पकड़ के था मेी
नैया कोया
कब आएगा तू गिरिधारी डेरे हुई घनश्याम
सागर तट पर बैट अकेला रे
सागर तट पर बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
बहुत हुवा ये केल तमाशा
अब तेरे चरणों की आशा
दर है दर्शन बिन जीवन की
दल जाए ना श्याम
सागर तट पर बैठ अकेला रटता तेरा नाम
कब आएगा तू गिरिधारी देर हुई घनश्याम
Sagar tat par bait akela
Sagar tat par bait akela ratatha tera naam
Kab ayega tu giridhari dere huyi ghanshyam
Sagar tat par bait akela re…
Karatha pal pal tera vandan
Yug yug ka pyasa mera man
Karle ab swikar murari
Tu ye mera pranam
Kab ayega tu giridhari dere huyi ghanshyam
Sagar tat par bait akela re…
Charo ore gire andhiyara
Nath na apna ek sahara
Sudhi pathwar pakad ke tha mei
Naiya koya
Kab ayega tu giridhari dere huyi ghanshyam
Sagar tat par bait akela re…
Bahuth huva ye kel tamasha
Ab tere charanon ki asha
Dar hai darshan bin jeevan ki
Dal jaye na shyam
Kab ayega tu giridhari dere huyi ghanshyam
Sagar tat par bait akela re…
Sagar Tat Par Baith Akela Lyrics Pdf
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