सबसे ऊंची प्रेम सगाई लिरिक्स | Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics

कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “सबसे ऊंची प्रेम सगाई लिरिक्स | Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics” जगजीत सिंह जी का गाया हुआ है। इस भजन में बताया गया है की भक्तो को श्याम की सभी बाते कितनी प्यारी लगती है। 


सबसे ऊंची प्रेम सगाई लिरिक्स

सबसे ऊंची प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

दुर्योधन के मेवा त्याग्यो,
साग विदुर घर खाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

जूठे फल शबरी के खाये,
बहु विधि स्वाद बताई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा,
तामे जूठ उठाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो,
भूल गये ठकुराई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन,
गोपियन नाच नचाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं,
आप बने हरि नाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

सूर क्रूर एहि लायक नाहीं,
केहि लगो करहुं बड़ाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।

Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics

Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics

Sabase Unchi Prem Sagai,
Sabase Unchi Prem Sagai ।

Duryodhan Ke Mewa Tyagyo,
Saag Vidur Ghar Khai ।
Sabase Unchi Prem Sagai ।

Joothe Phal Shabari Ke Khaye,
Bahu Vidhi Swad Batai ।
Sabase Unchi Prem Sagai ।

Rajasuy Yagy Yudhishthir Keenha,
Tame Jooth Uthai ।
Sabase Unchi Prem Sagai ।

Prem Ke Bas Parath Rath Hankyo,
Bhool Gaye Thakurai ।
Sabase Unchi Prem Sagai ।

Aisi Preet Badhi Vrindavan,
Gopiyan Nach Nachai ।
Sabase Unchi Prem Sagai ।

Prem Ke Bas Nrap Sewa Keenhin,
Aap Bane Hari Nai ।
Sabase Unchi Prem Sagai ।

Soor Kroor Ehi Layak Nahin,
Kehi Lago Karahun Badai ।
Sabase Unchi Prem Sagai ।


हमें उम्मीद है की श्री कृष्ण के भक्तो को यह आर्टिकल “सबसे ऊंची प्रेम सगाई लिरिक्स | Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “Sabse Unchi Prem Sagai Lyrics” के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।

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