Man Re Tu Kahe Na Lyrics

यह अद्बुध भजन “मन रे तू काहे ना धीर धरे लिरिक्स | Man Re Tu Kahe Na Lyrics” लता मंगेशकर जी का गाया हुआ है। इस भजन में मन की व्यथा को विस्तार के साथ बताया गया है।


मन रे तू काहे ना धीर धरे लिरिक्स
Man Re Tu Kahe Na Lyrics

मन रे ! तू काहे ना धीर धरे
वो निर्मोही मोह ना जाने जिनका मोह करे
मन रे ! तू काहे ना धीर धरे

इस जीवन की चढ़ती ढलती धुप को किसने बाँधा
रंग पे किसने पहरे डाले रूप को किसने बाँधा
काहे ये जतन करे
मन रे ! तू काहे ना धीर धरे

उतना ही उपकार समझ कोई जितना साथ निभा दे
जनम मरण का मेल है सपना
ये सपना बिसरा दे
कोई ना संग मरे
मन रे ! तू काहे ना धीर धरे

मन रे ! तू काहे ना धीर धरे
वो निर्मोही मोह ना जाने जिनका मोह करे
मन रे ! तू काहे ना धीर धरे

Man Re Tu Kahe Na Lyrics

हमें उम्मीद है की सभी भक्तो को यह आर्टिकल मन रे तू काहे ना धीर धरे लिरिक्स | Man Re Tu Kahe Na Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “Man Re Tu Kahe Na Lyrics” भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।

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