रविवार आरती लिरिक्स | Ravivar Aarti Lyrics

रविवार की आरती “रविवार आरती लिरिक्स | Ravivar Aarti Lyrics” अंजलि जैन जी के द्वारा गायी हुई है। हिन्दू धर्म में हम कण कण में भगवान् को देखते है और यही हमे सबसे अलग बनाता है। इसी तरह सभी वार भी देवता है। इनकी आरती दी गयी है।


रविवार आरती लिरिक्स

कहूँ लगी आरती दास करेंगे,
सकल जगत जाकी जोत बिराजे || हो राम ||

सात समुद्र जाके चरणनि बसे,
कहा भयो जल कुम्भ भरे || हो राम ||

कोटि भानु जाके नख की शोभा,
कहा भयो मंदिर दीप धरे || हो राम ||

भार अठारह राम बलि जाके,
कहा भयो शिर पुष्पधरे || हो राम ||

छप्पन भोग जाके नितप्रति लागे,
कहा भयो नैवेद्य धरे || हो राम ||

अमित कोटि जाके बाजा बाजे,
कहा भयो झनकार करे || हो राम ||

चार वेद जाके मुख की शोभा,
कहा भयो ब्रम्हा वेद पढ़े || हो राम ||

शिव सनकादी आदि ब्रम्हादिक,
नारद हनी जाको ध्यान धरे || हो राम ||

हिम मंदार जाको पवन झकोरे,
कहा भयो शिव चवँर दुरे || हो राम ||

लाख चौरासी वन्दे छुडाये,
केवल हरियश नामदेव गाये || हो राम ||


Ravivar Aarti Lyrics

Kahu Lagi Aarti Daas Karenge,
Sakal Jagat Jaaki Jyoti Viraaje || Ho Ram ||

Saat Samudra Jaake Charan Base,
Kaha Bhayo Jal Kumbh Bhare  || Ho Ram ||

Koti Bhanu Jaake Nakh Ki Shobha,
Kaha Bhayo Mandir Deep Dhare || Ho Ram ||

Bhar Atharah Ram Bali Jaake,
Kaha Bhayo Shir Pushpdhare || Ho Ram ||

Chhappan Bhog Jaake Nit Prati Laage,
Kaha Bhayo Jhankaar Kare || Ho Ram ||

Char Ved Jaake Mukh Ki Shobha,
Kaha Bhayo Bramha Ved Padhe || Ho Ram ||

Shiv Sankadi Aadi Bramhadik,
Naarad Hani Jaako Dhyan Dare || Ho Ram ||

Him Mandar Jaako Pavan Jhakore,
Kaha Bhayo Shiv Chanwar Dure || Ho Ram ||

Lakh Chauraasi Vande Chudaye,
Keva; Hariyash Naamdev Gaaye || Ho Ram ||


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