बाबा रामदेव जी का यह अद्बुध भजन “रामाधनी अवतारी जारे लीले री असवारी लिरिक्स | Ramadhani Awataari Jaare Lile Ri Aswaari Lyrics” रोहित कुमार शर्मा जी का गाया हुआ है। इस भजन में रामदेव जी की महिमा का बखान किया गया है।
Ramadhani Awataari Jaare Lile Ri Aswaari Lyrics
रामाधनी अवतारी,
जारे लीले री असवारी,
जारे हाथ मे ध्वजा विराजे,
केसरियो बागों साजे…
ओ थारो रूप निरालो, भगता के मन भावे से हाए…
नित दर्शन से सारी विपदा कट जावे से..
अजमालजी पूण्य कमायो, थाने पुत्र रूप में पायो,
मातारो मन हर्षायो, मैणादे लाड लडायो,
भादुरेरी दूज ने आयो,
बाँझरियो नाम हटायो..
ओ बाबो भगतारी नैया ने पार लगावे से हाए…
नित दर्शन से सारी विपदा कट जावे से…
आँगनिये पगल्या मंडायो, उफ़नतो दूध दबायो,
दर्जी ने पर्चो दिखायो, कपड़े रो घोड़ो उड़ायो,
रूणिचा नगर बसायो,
बाबो भेद भाव ने मिटायो,
ओ थारी नगरी भगता के हिवड़े मन भावे से हाए…
नित दर्शन से सारी विपदा कट जावे से…
बाबो हिंदुआ पीर कहायो, पीरा ने पर्चो दिखायो,
मिश्री रो लूण बनायो, बींजारो शरणे आयो,
‘रोहित’ शरणा में आयो,
थारे चरणा शीश नवायो,
ओ भगता रे आधे हेले दोड़यो आवे से हाए…
नित दर्शन से सारी विपदा कट जावे से…
रामाधनी अवतारी,
जारे लीले री असवारी,
जारे हाथ मे ध्वजा विराजे,
केसरियो बागों साजे…
ओ थारो रूप निरालो, भगता के मन भावे से हाए…
नित दर्शन से सारी विपदा कट जावे से..