Mat Bhul Are Insan To Hai Do Din Ka Mehman Lyrics
तेरी नेकी बदी ना प्रभु से छुपी सब देख रहा है भगवान
मत भूल अरे इंसान तू है दो दिन का मेहमान।
है जिसने बनाया मिठाई वही फूल कांटो के संग संग खिलाए वही
खेल जीवन मरण का रचाई वही डाले माटी के पुतले में जान
मत भूल अरे इंसान तू है दो दिन का मेहमान।
विधाता ने लिखा है उसे मान ले प्राण देता वही और वही प्राण ले
तेरे बस में है क्या बस ये जरा जान ले तू है निर्बल तो वो बलवान
मत भूल अरे इंसान तू है दो दिन का मेहमान।
तेरी नेकी बदी ना प्रभु से छुपी सब देख रहा है भगवान
मत भूल अरे इंसान तू है दो दिन का मेहमान।