Parivartini Ekadashi Ki Katha Lyrics


Parivartini Ekadashi Ki Katha Lyrics

हम त्रेता प्रभु के राजा बलि की कथा सुनाते है
पावन कथा सुनाते है
परिवर्तनि एकादशी की हम महिमा बतलाते है
हम कथा सुनाते है
लक्ष्मी और विष्णु जी के दर्शन करवाते है
हम दर्शन करवाते है
इस दिन विष्णु करवट बदल के फिर सो जाते है
हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान

भादो मास के शुक्लपक्ष की पावन एकादशी
विष्णु जी की करवट की मन भावन एकादशी
इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा जो भी करते है
दिव्य द्रव्य से अपना खजाना वो सब भरते है
मनवांछित फल देने वाला व्रत कहलाता है
इस व्रत को करने से भक्तो सब मिल जाता है
त्रेता युग में शुरू हुआ इस व्रत का विधि विधान
हर इच्छा पुराण करते है श्री विष्णु भगवान्
कथा लिखे सुखदेव यथा सत्य बताते है
इस दिन विष्णु करवट बदलकर फिर सो जाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान

भक्त प्रह्लाद के पौत्र की तुमको कथा सुनाता हूँ
राजा बलि के जीवन से परिचय करवाता हूँ
परम भक्त था विष्णु जी का राजा बलि महान
उसके ह्रदय में बसते थे श्री हरी भगवान्
इंद्र आदि देवताओं से खाता था वो खार
जब जब इंद्र वो लड़ा बलि से हुयी हमेशा हार
अपनी बल से राजा बलि ने किया राज्य विस्तार
स्वर्ग की ऊपर भी चलता था बलि का ही अधिकार
बलि से सारे देव दुखी थे सत्य बताते है
इस दिन विष्णु करवट बदल के फिर सो जाते है
हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान

देव गणो की दुखी देखकर श्री विष्णु भगवान्
वामन रूपधार के अपना बन गए है यजमान
राजा बलि की द्वार पे जाकर अलख जगाते है
राजा बलि वामन चरणों में शीश नवाते है
हाथ जोड़ कर वामन से बोले बियर बलि महाराज
जो निकलेगा मुँह से आपके वही मिलेगा आज
आओ विराजो आसन ऊपर चलो महल में आप
होकर खड़े द्वार सर मेरे नहीं चढ़ाओ आप
होकर खड़े द्वार सर मेरे नहीं चढ़ाओ पाप
सुनके बात बलि की वामन जी मुस्काते है
इस दिन विष्णु करवट बदल के फिर सो जाते है
हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान

वामन बोले राजा बलि से तुम्हे बड़े महान
इसीलिए मै द्वार तुम्हारे मांगने आया दान
राजा बोला हाथ जोड़कर आप करे आदेश
मन से शंका त्याग दो भगवान् यदि बची है शेष
वामन बोले राजा बलि से सुनो लगाके ध्यान
तीन पग भूमि मांग रहा मै राजन तुमसे दान
हंसा जोर से राजा बलि वो सुन वामन की बात
आपके है तो नाम आपके कर दूँ आधा राजा
वामन बोले सुनलो राजन नापुंगा पग तीन
अगर दे सको तो बस दे दो तीन पग मुझे जमीन
वरना लौटके वापस अपने घर हम जाते है
इस दिन विष्णु करवट बदल के फिर सो जाते है
हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान

राजन बोले वामन जी से बात सुनो मेरी आप
जितनी पग तुम चाहो धरती उतने पग लो आप
भव्य विराट रूप कर धारण श्री वामन भगवान्
कर देते है राजा बलि को चकित और हैरान
इक पग में धरती को कर दूजे पग आकाश
तीसरा पग मै कहाँ पे रखूं बोलो बलि आज
हाथ जोड़कर बैठ गया वो राजा बलि महान
तीसरा पग मेरे सर पर रखदे परम पूज्य भगवान्
तीसरे पग के लिए स्वयं हम शीश झुकाते है
इसदिन विष्णु करवट बदल के फिर सो जाते है
हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान

तीसरा पगधर बलि के सर पर वामन जी मुस्काय
राजा बलि चरण के नीचे चला पाताल का धाय
भगवान् जब लगे चरण उठाने बोले बलि महाराज
हाथ जोड़ विनती करता है क्षमा करो हे नाथ
वामन बोले राजा बलि से सुनो बलि महराज
वामन एकादशी के फल को तुम्हे बताऊँ राज
इस व्रत का यदि करोगे पालन सदा रहूंगा पास
द्वार तुम्हारे बना के कुटिया उसमे करूँ निवास
कथा लिखे सुखदेव गाके सुनाते है
इस दिन विष्णु करवट बदल के फिर सो जाते है
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगाके ध्यान

Parivartini Ekadashi Ki Katha Lyrics

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