मुखड़ा देख ले प्राणी जरा दर्पण में भजन लिरिक्स | Mukhda Dekh Le Prani Jara Darpan Me Bhajan Lyrics

भजन “मुखड़ा देख ले प्राणी जरा दर्पण में भजन लिरिक्स | Mukhda Dekh Le Prani Jara Darpan Me Bhajan Lyrics” रिआज़ अहमद जी का गाया हुआ भजन है। आरती के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में वीडियो के साथ दिए हुए है।


Mukhda Dekh Le Prani Jara Darpan Me Bhajan Lyrics

मुखड़ा देख ले प्राणी,
जरा दर्पण में हो,
देख ले कितना पुण्य है कितना,
पाप तेरे जीवन में,
देख ले दर्पण में,
मुखडा देख ले प्राणी जरा दर्पण में।।

कभी तो पल भर सोच ले प्राणी,
क्या है तेरी करम कहानी,
पता लगा ले,
पता लगा ले पड़े हैं कितने,
दाग तेरे दामन में
देख ले दर्पण में,
मुखडा देख ले प्राणी जरा दर्पण में।।

ख़ुद को धोखा दे मत बन्दे,
अच्छे ना होते कपट के धंधे,
सदा न चलता,
सदा न चलता किसी का नाटक,
दुनिया के आँगन में,
देख ले दर्पण में,
मुखड़ा देख ले प्राणी जरा दर्पण में।।

Mukhda Dekh Le Prani Jara Darpan Me Bhajan Lyrics

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