कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “मेरे उठे विरह में पीर सखी वृन्दावन जाउंगी भजन लिरिक्स | Mere Uthe Virah Me Pir Sakhi Krishn Bhajan Lyrics” चित्र विचित्र जी के द्वारा गाया हुआ है। भजन के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में वीडियो के साथ दिए हुए है।
Mere Uthe Virah Me Pir Sakhi Krishn Bhajan Lyrics
श्लोक
सब द्वारन को छोड़ के,
श्यामा आई तेरे द्वार,
श्री वृषभान की लाड़ली,
मेरी और निहार।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी,
मुरली बाजे यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
श्याम सलोनी सूरत पे,
दीवानी हो गई,
अब कैसे धारू धीर सखी,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
छोड़ दिया मेने भोजन पानी,
श्याम की याद में,
मेरे नैनन बरसे नीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
इस दुनिया के रिश्ते नाते,
सब ही तोड़ दिए,
तुझे कैसे दिखाऊं दिल चिर,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
नैन लड़े मेरे गिरधारी से,
बावरी हो गई,
दुनिया से हो गई अंजानी,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
मेरे उठे विरह में पीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी,
मुरली बाजे यमुना तीर,
सखी वृन्दावन जाउंगी।।
हमें उम्मीद है की श्री कृष्ण के भक्तो को यह आर्टिकल “मेरे उठे विरह में पीर सखी वृन्दावन जाउंगी भजन लिरिक्स | Mere Uthe Virah Me Pir Sakhi Krishn Bhajan Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “ Mere Uthe Virah Me Pir Sakhi Krishn Bhajan Lyrics ” भजन के आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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