भगवान शिव का यह मनमोहक और अद्बुध शिव भजन “कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर लिरिक्स | Kabhi To Bhole Bhandari Ho Kabhi To Roop Bhayankar Lyrics” जिसको प्रमोद त्रिपाठी जी के द्वारा गाया गया है। भजन का लिरिक्स, वीडियो और ऑडियो के साथ दिया गया है।
Kabhi To Bhole Bhandari Ho Kabhi To Roop Bhayankar Lyrics
महिमा तेरी समज सका न कोई भोले शंकर
कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर,
भगतो के मन को भाति है भोले छवि तुम्हारी,
माथे चंदा जटा में गंगा और नंदी की सवारी
बाए अंग में गोरा माता बैठी आसन ला कर
कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर
भोर भयंकर रूप तुम्हारा जब तांडव हो करते
सुर नर मुनि और देवता भी है ऐसे रूप से डरते
परले कारी रूप दिखे जब खोलो तीसरा नेत्र
कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर
है विनती मेरी ये भोले किरपा मुझपे करना
तेरे चरणों में रेह कर है तेरा नाम सुमीर ना
सुरेश खड़ा है देखो दोनों हाथ जोड़ कर
कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर
तन मन की सुध बिसर गई है लिरिक्स
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा लिरिक्स
जो शिव को ध्याते है शिव उनके है लिरिक्स
हमें उम्मीद है की भगवान शिव के भक्तो को यह आर्टिकल “कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर लिरिक्स | Kabhi To Bhole Bhandari Ho Kabhi To Roop Bhayankar Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा।Kabhi To Bhole Bhandari Ho Kabhi To Roop Bhayankar Lyrics भजन के आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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