मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का अति पावन भजन “तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे लिरिक्स | Tere Man Me Ram Tan Me Ram Lyrics” – अनूप जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में राम भक्ति की महिमा का बखान किया गया है।
Tere Man Me Ram Tan Me Ram Lyrics
दोहा
राम नाम की लूट है,
लूट सके तो लूट,
अंत काल पछतायेगा,
जब प्राण जायेंगे छूट।
तेरे मन में राम,
तन में राम,
रोम रोम में राम रे,
राम सुमीर ले,
ध्यान लगा ले,
छोड़ जगत के काम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
माया में तु उलझा उलझा,
दर दर धुल उड़ाए,
अब क्यों करता मन भारी जब,
माया साथ छुड़ाए,
दिन तो बीता दौड़ धुप में,
ढल जाए ना शाम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
तन के भीतर पांच लुटेरे,
डाल रहे है डेरा,
काम क्रोध मद लोभ मोह ने,
तुझको ऐसा घेरा।
भुल गया तू राम रटन,
भूला पूजा का काम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
बचपन बीता खेल खेल में,
भरी जवानी सोया,
देख बुढापा अब क्यों सोचे,
क्या पाया क्या खोया,
देर नहीं है अब भी बन्दे,
ले ले उस का नाम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
तेरे मन में राम,
तन में राम,
रोम रोम में राम रे,
राम सुमीर ले,
ध्यान लगा ले,
छोड़ जगत के काम रे,
बोलो राम बोलो राम,
बोलो राम राम राम।।
हमें उम्मीद है की श्री राम के भक्तो को यह आर्टिकल “तेरे मन में राम तन में राम रोम रोम में राम रे लिरिक्स | Tere Man Me Ram Tan Me Ram Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। ‘Tere Man Me Ram Tan Me Ram Lyrics‘ भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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