संत रविदास अमृतवाणी दोहावली लिरिक्स | Sant Ravidas Amritwani Dohawali Lyrics

श्री रविदास जी का भजन “संत रविदास अमृतवाणी दोहावली लिरिक्स | Sant Ravidas Amritwani Dohawali Lyrics” मुकेश कुमार जी के द्वारा गायी हुई है। भजन के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में वीडियो के साथ दिए हुए है।


Sant Ravidas Amritwani Dohawali Lyrics

हरि सा हीरा छांड के
करै आन की आस
ते नर जमपुर जाहिंगे
सत भाषै रविदास

जा देखै घिन उपजे
नरक कुण्ड में बास
प्रेम भक्ति से उद्वरे
परगट जन रैदास

ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ
मिलै सबन को अन्न
छोट बड़ो सब सम बसे
रैदास रहै प्रसन्न

पराधीनता पाप है
जान लेहु रे मीत
रैदास दास पराधीन सौ
कौन करै है प्रीत

रविदास मदिरा का पीजिए
जो चढ़ी चढ़ी उतराय
नाम महारस पीजिए
जो चढ़ नहीं उतराय

रेन गवाई सोय कर
दिवस गवायों खाय
हीरा यह तन पाय कर
कौड़ी बदले जाए

जात-पात के फेर में
उरझी रहे सब लोग
मनुष्यता को खात है
रविदास जात का रोग

क्या मथुरा क्या द्वारिका
क्या काशी हरिद्वार
रविदास खोजा दिल अपना
ताऊ मिला दिलदार

Sant Ravidas Amritwani Dohawali Lyrics

हमें उम्मीद है की सभी रविदास जी के भक्तो को यह आर्टिकल “संत रविदास अमृतवाणी दोहावली लिरिक्स | Sant Ravidas Amritwani Dohawali Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “संत रविदास अमृतवाणी दोहावली लिरिक्स | Sant Ravidas Amritwani Dohawali Lyrics” के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये। आप अपनी फरमाइश भी हमे कमेंट करके बता सकते है। हम वो भजन, आरती आदि जल्द से जल्द लाने को कोशिश करेंगे।

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