कृष्ण भगवान का यह अद्बुध भजन “मूरली वाजवितो कान्हा लिरिक्स | Murali Vajvito Kanha Lyrics” लखबीर सिंह लक्खा जी के द्वारा गाया हुआ है। भजन के लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश में वीडियो के साथ दिए हुए है।
Murali Vajvito Kanha Lyrics
कशी जाऊ मी वृंदावना,
मूरली वाजवितो कान्हा ।।
पैलतिरी हरी, वाजवी मूरली,
नदी भरली भरली जमूना,
कासे पितांबर कस्तूरी टिळक,
कूंडल शोभे काना ।।
कशी जाऊ मी वृंदावना,
मूरली वाजवितो कान्हा ।।
काय करू बाई, कूणाला सांगू,
हरीनामाची सांगड आणा,
नंदाच्या हरीने कौतूक केले,
जाणे अंतरीच्या खूणा ।।
कशी जाऊ मी वृंदावना,
मूरली वाजवितो कान्हा ।।
एका जनार्दनी मनी म्हणा,
देव महात्मे ना कळे कोणा,
कशी जाऊ मी वृंदावना,
मूरली वाजवितो कान्हा ।।
कशी जाऊ मी वृंदावना,
मूरली वाजवितो कान्हा ।।
Murali Vajvito Kanha Lyrics PDF
हमें उम्मीद है की श्री कृष्ण के भक्तो को यह आर्टिकल “मूरली वाजवितो कान्हा लिरिक्स | Murali Vajvito Kanha Lyrics” + Video +Audio बहुत पसंद आया होगा। “Murali Vajvito Kanha Gavlan” भजन के आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।
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