धर्म कर्म घटता ही जाए लिरिक्स | Dharam Karam Ghat Ta Hi Jaye Lyrics

पवन पुत्र हनुमान जी का अति पावन भजन “धर्म कर्म घटता ही जाए लिरिक्स | Dharam Karam Ghat Ta Hi Jaye Lyrics” – कुमार विशु जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी की राम भक्ति बताया गया है।


Dharam Karam Ghat Ta Hi Jaye Lyrics

धर्म कर्म घटता ही जाए डोल रहा ईमान,
संकट मोचन संकट टालो करो विश्व कल्याण ।
जय जय राम सिया राम बोलो राम,
जय जय राम सिया राम बोलो राम ।।

सिया हरण जब हुआ सिया का पता लगाया,
लक्षमण को भी बचाने हेतु संजीवन ले आया ।
इंसान के दिल में पनप रहा है देखो एक शैतान,
संकट मोचन संकट टालो करो विश्व कल्याण ।।

जय जय राम सिया राम बोलो राम ।
जय जय राम सिया राम बोलो राम ।।

राम की मुश्किल आसान करदी तुमने हर एक बार,
श्री राम का काम हर बार किया सहज स्वीकार ।
इधर उधर चहु और लोग सब होने लगे बेई मान,
संकट मोचन संकट टालो करो विश्व कल्याण ।।

जय जय राम सिया राम बोलो राम ।
जय जय राम सिया राम बोलो राम ।।

लंका जला के बजरंग ने बल अपना दिखाया,
रावण को बल पे गर्व था तूने गर्व मिटाया ।
बुरे का होता पतन सदा और सच्चे का उत्थान,
संकट मोचन संकट टालो करो विश्व कल्याण ।।

जय जय राम सिया राम बोलो राम ।
जय जय राम सिया राम बोलो राम ।।

धर्म कर्म घटता ही जाए डोल रहा ईमान,
संकट मोचन संकट टालो करो विश्व कल्याण ।
जय जय राम सिया राम बोलो राम,
जय जय राम सिया राम बोलो राम ।।

Dharam Karam Ghat Ta Hi Jaye Lyrics

हमें उम्मीद है की श्री राम के भक्त हनुमान जी ये भजन का यह आर्टिकल “धर्म कर्म घटता ही जाए लिरिक्स | Dharam Karam Ghat Ta Hi Jaye Lyrics” + Video + Audio बहुत पसंद आया होगा। “ Dharam Karam Ghat Ta Hi Jaye Lyrics ” भजन के बारे में आपके क्या विचार है वो हमे कमेंट करके अवश्य बताये।

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