Marghat Aali Khol Diye Mere Pita Bande Pade Lyrics
मरघट आली खोल दिए री,
मेरे पित्र बँधे पड़े सं।।
थान बणाया जोत जगाई,
पित्र दिए दिखाई ना,
घोड़े आले बिना कालका,
मेरी होवः मनचहाई ना,
माँ मन्नै कितणे बोल दिए,
री मेरे पित्र बँधे पड़े सं,
मरघट आली खोल दिये री,
मेरे पित्र बँधे पड़े सं।।
दुनिया कैसा पित्र काली,
लागया कोनया हाथ मेरे,
परछाई तक दिखया करती,
हरदम रह था साथ मेरे,
मरघट आली खोल दिये री,
मेरे पित्र बँधे पड़े सं।।
पित्र बिन घर सुना हो,
भुता को हो डेरा री,
खोल दिए मेरे पित्र काली,
गुण भुलूं ना तेरा री,
मरघट आली खोल दिये री,
मेरे पित्र बँधे पड़े सं।।
लग री आस तेरे में काली,
संकट सारा दुर करो,
भजना में तेरी लाऊँ हाजरी,
माँ काली मंजुर करो,
मरघट आली खोल दिये री,
मेरे पित्र बँधे पड़े सं।।
जै तन्नै पित्र ना खोले त,
मोटा हो बिघन मईया,
अशोक भक्त भी के करलेगा,
काम करः ना गण मईया,
मरघट आली खोल दिये री,
मेरे पित्र बँधे पड़े सं।।
मरघट आली खोल दिए री,
मेरे पित्र बँधे पड़े सं।।