मन की शांति का द्वार लिरिक्स | Man Ki Shanti Ka Dwaar Lyrics

मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम का अति पावन भजन “मन की शांति का द्वार लिरिक्स | Man Ki Shanti Ka Dwaar Lyrics” – जयकिशन रावत जी के द्वारा गाया गया है। इस भजन में राम भक्ति की महिमा का बखान किया गया है।


Man Ki Shanti Ka Dwaar Lyrics

राम का दरबार, मन की शांति का द्वार,
ॐ शन्ति, मन की शान्ति ।
तन की शान्ति, क्रोध शान्ति,
जब सब शांति, तव राम करे उद्धार ।।

जब मन शून्य में चला जाता हैं,
तव आत्मा और मन, परम् सुख पाता है ।
आत्मा परमात्मा है, राम की अवतार,
राम का दरबार, मन की शांति का द्वार ।।

जब राममय हो तन मन धन,
मोह माया छोड़कर, सब कुछ हो अर्पण ।
तव जाकर प्रभु राम, करते भक्ति स्वीकार,
राम का दरबार, मन की शांति का द्वार ।।

Man Ki Shanti Ka Dwaar Lyrics

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