Guru Ji Ki Gatha Lyrics
शिव अवतारी गुरु जी की हम कथा सुनाते है
हम कथा सुनाते है
दुःख हर्ता सुख करता की हम गाथा गाते है
हम कथा सुनाते है
जो रोम रोम में भक्तजनो के सुख पहुंचाते है
पावन कथा सुनाते है
दुःख हर्ता सुख करता की हम गाथा गाते है
हम कथा सुनाते है
मेरे गुरु जी दीनदयाल भक्तो का रखे ख्याल
भक्तो का रखे ख्याल मेरे गुरु जी दीनदयाल
पंजाब राज जिला शुगृ डुंगरी है एक गांव
शुद्ध वहां की भाषा शैली ठंडी वृक्ष की छांव
सात जुलाई 1952 खुशियां लाया था
शिव जी ने डुंगरी मे खुद को ही जन्माया था
डुंगरी में ही बीता बचपन मेरे गुरु जी का
अध्ययन कर के मान रखा था अपने पिता जी का
गुरु जी की अब ज्ञान रोशनी चारो ओर जली
गुरु जी ने वर दिया जिसे बेल उसकी फूली फली
आये धारा पर महादेव गुरु भेष बनाते है
पावन कथा सुनाते है
दुःख हर्ता सुख करता की हम गाथा गाते है
हम कथा सुनाते है
मेरे गुरु जी दीनदयाल भक्तो का रखे ख्याल
भक्तो का रखे ख्याल मेरे गुरु जी दीनदयाल
बचपन में ही गुरु जी ने था अचरज दिखलाया
कही से भी हो लुप्त कही जा दर्शन दिख लाया
तीनो लोक के थे ये स्वामी गर्भ ना मन में था
नजर दया की जिस पर फिर ना रोग तन में था
धीरे धीरे लहराने लगा दया का वो परचम
आशा ले जो दर पर आता छूते उसे ना गम
सब के हित के लिए गुरु जी ने घर को छोड़ दिया
समझ गए फिर मात पिता की शिव ने जन्म लिया
फिर मात पिता बेटे को गुरु जी ही बुलाते है
पावन कथा सुनाते है
दुःख हर्ता सुख करता की हम गाथा गाते है
हम कथा सुनाते है
मेरे गुरु जी दीनदयाल भक्तो का रखे ख्याल
भक्तो का रखे ख्याल मेरे गुरु जी दीनदयाल
निसदिन गुरु जी भक्तो सत संग किया करते
मुंबई दिल्ली पंचकूला करुणा वर्षा करते
चड़ीगढ़ जालंधर में भी मीठे वचन कहे
हो गई मौज उन भक्तो की जो सच्चे मन आये
दिल्ली जालंधर के बीच एक शट डाउन किया
एमजी रोड पर छोटे मंदिर का निर्माण किया
छतरपुर के भट्टी खान में शिव मंदिर बनवाया
छवि बसी यहाँ गुरु जी की बड़ा मंदिर कहलाया
गुरु जी की पाने को दया यहाँ लाखो आते है
पावन कथा सुनाते है
दुःख हर्ता सुख करता की हम गाथा गाते है
हम कथा सुनाते है
मेरे गुरु जी दीनदयाल भक्तो का रखे ख्याल
भक्तो का रखे ख्याल मेरे गुरु जी दीनदयाल
इकतीस मई 2007 का वो दिन आया था
शिव अवतारी गुरु जी ने शिव को ही पाया था
भक्तजनो के तीनो काल गुरु जी ही जानते थे
भक्त दीवाने गुरु जी को भी प्राण मानते थे
लाखो रोगी मुक्त हुए गुरु दर्शन पाने से
हर मनसा पूरी होती बड़े मंदिर आने से
दिन में प्रसाद चाय वा लंगर जो भी पाता है
रोग दोष से दूर वो हो वे हर सुख पाता है
हाथ जोड़ संजय के साथ गुणगान सुनाते है
पावन कथा सुनाते है
दुःख हर्ता सुख करता की हम गाथा गाते है
हम कथा सुनाते है
मेरे गुरु जी दीनदयाल भक्तो का रखे ख्याल
भक्तो का रखे ख्याल मेरे गुरु जी दीनदयाल
जिसने जब जब गुरु जी का मन से है ध्यान किया
सारे ही संताप हरे फिर सुख वरदान दिया
एक प्रार्थना गुरुवर मेरी अपनी महर करो
कर दो अब करुणा की वर्षा अब ना देर करो
चमत्कारी गुरु जी की गाथा जो रसपान करे
ना अटके फिर भवर में नैया पल में पार करे
मुनेंद्र प्रेम जी यूपी वाले काशगंज रहते है
माता पिता है प्रेम शांति गुरु हृदेश को कहते है
डुंगरी वाले गुरु जी को हम शीश झुकाते है
पावन कथा सुनाते है
दुःख हर्ता सुख करता की हम गाथा गाते है
हम कथा सुनाते है
मेरे गुरु जी दीनदयाल भक्तो का रखे ख्याल
भक्तो का रखे ख्याल मेरे गुरु जी दीनदयाल