Ek Din Maiya Parvati Bhole Se Lagi Kehne Lyrics

Ek Din Maiya Parvati Bhole Se Lagi Kehne Lyrics

एक दिन मैया पार्वती,
भोले से लगी कहने,
मुझको भी घड़वा दो मेरे स्वामी,
सोने के गहने ॥

मैने लक्ष्मी को देखा,
मैने इंद्राणी देखि,
तीनो लोको में जाकर,
रानी महारानी देखि,
एक से बढ़कर एक सभी ने,
आभूषण पहने,
मुझको भी घड़वा दो मेरे स्वामी,
सोने के गहने ॥

बात सुनकर गौरा की,
भोले ने ये समझाया,
एक औघड़ दानी के,
पास ना होती माया,
जो जैसे रहते है उनको,
वैसे दो रहने,
मुझको भी घड़वा दो मेरे स्वामी,
सोने के गहने ॥

चुटकी भर भस्मी दी और,
बोले कुबेर के जाना,
वहां से इसके जितना,
तोल के सोना लाना,
चुटकी भर में क्या हो,
गौरा सोच रही मन में,
मुझको भी घड़वा दो मेरे स्वामी,
सोने के गहने ॥

एक पलड़े पर सोना,
एक पर भसमी डाली,
सोना रख डाला सारा,
पड़ला भसमी का भारी,
हुआ खजाना खाली,
कुछ ना पास बचा धरने,
मुझको भी घड़वा दो मेरे स्वामी,
सोने के गहने ॥

देख भसमी की माया,
खुली गौरा की आँखे,
माथे पे भस्म लगाई,
बोली भोले से जा के,
क्यों जाऊं औरो के खजाना,
भरा मेरे घर में,
तुमसे ही है श्रृंगार मेरा,
तुम ही हो मेरे गहने ॥

भस्म की महिमा भारी,
रमे भोले के अंग में,
लगालो इसका टीका,
रहेंगे भोले संग में,
‘सोनू’ भोले स्वयं बसे है,
इसके कण कण में,
मुझको भी घड़वा दो मेरे स्वामी,
सोने के गहने ॥

एक दिन मैया पार्वती,
भोले से लगी कहने,
मुझको भी घड़वा दो मेरे स्वामी,
सोने के गहने ॥

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